ईपीएफओ से जुड़ी एयर इंडिया एयरलाइन

नई दिल्ली  (मानवीय सोच) टाटा समूह के अधीन आ चुकी एयर इंडिया एयरलाइन ने एक अहम फैसला लिया है। दरअसल, एयरलाइन ने अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने यानी सामाजिक सुरक्षा कवरेज के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शामिल हो गई है। इससे पहले एयर इंडिया लिमिटेड ने ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 की धारा 1(4) के तहत स्वेच्छा से कवरेज के लिए आवेदन किया था।

इसके तहत उन 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाएगा, जिनके दिसंबर, 2021 के लिए योगदान को एयर इंडिया ने ईपीएफओ के पास दाखिल किया है। एयर इंडिया के ये कर्मचारी अब कई तरह लाभों को प्राप्त करने के अधिकार होंगे:

-कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि खाते में उनके वेतन के 12 फीसदी पर अतिरिक्त 2 फीसदी नियोक्ता का योगदान प्राप्त होगा। इससे पहले कर्मचारियों को 1925 के पीएफ अधिनियम के तहत कवर किया गया। इसके तहत भविष्य निधि में नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान क्रमश: 10-10 फीसदी था।
-अब कर्मचारियों पर ईपीएफ योजना 1952, ईपीएस 1995 और ईडीएलआई 1976 लागू होंगे।
-कर्मचारियों को 1,000/- रुपये की गारंटी न्यूनतम पेंशन और कर्मचारी की मृत्यु के मामले में परिवार और आश्रितों को पेंशन उपलब्ध होगी।
-सदस्य की मृत्यु के मामले में एक सुनिश्चित बीमा लाभ न्यूनतम 2.50 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 7 लाख रुपये तक उपलब्ध होगा। इस लाभ के लिए ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कर्मचारियों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता है

आपको बता दें कि 1952-53 से एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स दो अलग-अलग कंपनियां थीं, जिन्हें पीएफ अधिनियम- 1925 के तहत कवर किया गया था। 2007 में दोनों कंपनियों का एक कंपनी- एयर इंडिया लिमिटेड में विलय हो गया। पीएफ अधिनियम- 1925 के तहत इसके कर्मचारियों को भविष्य निधि का लाभ उपलब्ध था। लेकिन इनके लिए कोई वैधानिक पेंशन योजना या बीमा योजना नहीं थी।

कंपनी के कर्मचारी स्वयं-अंशदायी वार्षिकी आधारित पेंशन योजना में अपना योगदान देते थे। इस योजना के मापदण्डों के आधार पर कर्मचारियों को जमा राशि का भुगतान किया जाता था। हालांकि, इसमें किसी सदस्य की मृत्यु के मामले में कोई न्यूनतम पेंशन गारंटी नहीं थी और कोई अतिरिक्त लाभ नहीं था।

 

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