किसान आंदोलन के 26 दिन, 24 घंटे की भूख हड़ताल पर हजारों किसान, मोदी सरकार ने फिर भेजा टेबल टॉक का न्योता

:पिछले 4 हफ्तों से कड़ाके की ठंड में राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर अपनी मांगों के लेकर डटे किसानों का आंदोलन आज 26वें दिन में प्रवेश कर चुका है. केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अपने मांग पर अड़े हुए हैं और आज भूख हड़ताल का भी ऐलान किया है. दूसरी तरफ सरकार ने किसानों को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है, फिलहाल केन्द्र सरकार और किसानों के बीच फिलहाल कोई हल नहीं निकल पाया है. किसान आंदोलन से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें janexpresslive.com के साथ…

सरकार ने फिर भेजा बातचीत का न्योता

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को एक पत्र लिखकर, उन्हें एक बार फिर से मिलने के लिए आमंत्रित किया. पत्र में, सरकार ने किसान नेताओं से मिलने की तारीख के लिए सुझाव भी मांगे हैं. पत्र में कहा गया है कि सरकार किसानों की आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है.

सिंघु, टिकरी और धनसा बॉर्डर बंद

दिल्ली यातायात पुलिस ने जानकारी दी है कि सिंघु, टिकरी और धनसा सीमाएँ बंद हैं. वहीं, झटीकरा सीमा केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुली है.

हरियाणा के CM का बड़ा बयान

हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) थी, है और रहेगी. MSP समाप्त करने की कोशिश अगर किसी ने की तो मनोहर लाल खट्टर राजनीति छोड़ देगा. MSP समाप्त नहीं होगी, हमारी मंशा है कि MSP से ऊपर कैसे जाएं, उसके लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं.

किसान टोल वसूली को करेंगे मुफ्त

राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर अपनी मांगों के लेकर डटे किसानों का आंदोलन हर दिन तेज होता जा रहा है. अब किसानों ने ऐलान किया है कि वह 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में राजमार्गों पर टोल वसूली को भी मुफ्त करेंगे.

मन की बात कार्यक्रम के दौरान किसान बजायेंगे थाली

किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है. वहीं रविवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह दलेवाला ने लोगों से अपील की है कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी जब मन की बात कार्यक्रम करेंगे, तो सभी अपने घरों में थाली बजाएं.

24 घंटे की भूख हड़ताल पर रहेंगे किसान

किसानों ने ऐलान किया कि सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापिस नहीं होगा, एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे. 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें.

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