# टेंट सिटी पर बोले जस्टिस: एक रात रुकने का किराया 40 हजार, इतनी तो क्षमता हमारी भी नहीं

वाराणसी : (मानवीय सोच) टेंट सिटी मामले में सुनवाई के दौरान वीडीए के अधिवक्ता ने एनजीटी की पीठ से कहा कि अस्थायी तौर पर जनवरी से मई तक रहता है। यह सांस्कृतिक उद्देश्य से लोगों को जोड़ने के लिए है। इस पर एनजीटी ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि इसमें आम आदमी कहां है?

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा जिस जगह पर एक रात रुकने की कीमत 40 हजार रुपये हो, वह जगह एक आम आदमी से कैसे जुड़ रही है। इतना खर्च करने की क्षमता तो हमारी भी नहीं है। जब हम जैसे लोग यह खर्च वहन नहीं कर सकते तो आम आदमी का सवाल ही नहीं उठता। एनजीटी की पीठ ने कहा कि अंतरिम तौर पर टेंट सिटी के निर्माण पर रोक लगा रहे हैं। इसपर वीडीए के अधिवक्ता ने कहा कि अनुमति के बगैर टेंट सिटी का निर्माण नहीं करेंगे।

एनजीटी ने कहा कि गंगा के तल में टेंट सिटी का निर्माण कैसे हो सकता ? इस प्रकार के निर्माण से नदी धारा की आकृति व वहां रहने वाले जीवों को गंभीर खतरा है। टेंट सिटी वाले गंगा भाग के आसपास कछुआ सेंचुरी बनाई गई, फिर इसे डिनोटिफाइड किया गया।