बड़े बैंक के ग्राहकों को झटका

लखनऊ (मानवीय सोच): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लखनऊ के इंडियन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपए की निकासी सीमा समेत कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई के अनुसार ये प्रतिबंध 28 जनवरी को व्यावसायिक समय के बाद से प्रभावी हो गए हैं। आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि लखनऊ स्थित सहकारी बैंक बिना उसकी मंजूरी के कोई लोन, अग्रिम प्रदान या नवीनीकृत जारी नहीं करेगा और न ही कोई निवेश कर सकेगा। आरबीआई ने कहा कि बैंक के किसी जमाकर्ता को बचत, चालू या अन्य खातों में मौजूद कुल शेष राशि में से एक लाख रुपये से अधिक की राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए कुछ नियम और शर्तें लागू रहेंगी।

हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि इन निषेधात्मक निर्देशों को आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बैंक, आरबीआई से अगले नोटिफिकेशन तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया परिस्थितियों के आधार पर इन निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लखनऊ के इंडियन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक पर लगाए ये प्रतिबंध अगले छह महीने के लिए लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं।

बताते चलें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसी हफ्ते देश के आठ सहकारी बैंकों पर नियमों का उल्लंघन करने को लेकर जुर्माना लगाया था। जिन कोऑपरेटिव बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें एसोसिएट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड- सूरत, वराछा सहकारी बैंक लिमिटेड- सूरत, मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड- मुंबई, वसई जनता सहकारी बैंक- पालघर, राजकोट पीपल्स कोऑपरेटिव बैंक- राजकोट, भद्राद्री कोऑपरेटिव अर्बन बैंक- जम्मू, सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड- जम्मू और जोधपुर नागरिक सहकारी बैंक- जोधपुर शामिल हैं।

देश के अलग-अलग सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाते हुए आरबीआई ने साफ किया था कि नियमों का उल्लंघन करने के लिए इन बैंकों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। बैंकों ने अपने ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते में कोई गड़बड़ी नहीं की है।

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