नैनीताल। यूपी दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। आरोपी डीपी यादव, कर्ण यादव, पाल सिंह समेत अन्य की उम्रकैद पर हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद सीबीआई ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा. चीफ जस्टिस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए फैसला सुनाने की अगली तारीख अभी तय नहीं की है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डीपी यादव को इलाज के लिए नवंबर तक की अल्पावधि जमानत भी दे दी। इससे पहले भी यादव को अदालत ने अल्पकालिक जमानत दी थी।
डीपी यादव हत्या के मामले में जेल में हैं।
13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी की दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डीपी यादव समेत परनीत भाटी, करण यादव, पाल सिंह पर हत्या का आरोप था. पूरे मामले की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई, फिर 15 फरवरी 2015 को सीबीआई कोर्ट ने सभी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. तब से दोषी जेल में हैं, हालांकि इन सभी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
डीपी यादव की सजा के मामले में सीबीआई के फैसले पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है.
मेडिकल ग्राउंड पर फिर से शॉर्ट टर्म ज़मानत
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डीपी यादव के वकील ने डीपी यादव को इलाज के लिए और समय की जरूरत बताते हुए जमानत मांगी थी, जिसका सीबीआई ने विरोध किया था. लेकिन अदालत ने यादव को नवंबर तक की अवधि के लिए जमानत दे दी। यादव के वकील ने कोर्ट को उनकी रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बारे में बताया कि उन्हें लगातार अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ेगा. हालांकि, सीबीआई ने यह कहते हुए विरोध किया कि जेल से इलाज दिया जा सकता है, इसलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इससे पहले भी अदालत यादव को दो बार शॉट टर्म जमानत दे चुकी है।