यूक्रेन से लौटे छात्रों से मिल CM योगी ने बढ़ाया हौसला

गोरखपुर  (मानवीय सोच) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूक्रेन से सुरक्षित वापस लौटे गोरखपुर के छात्रों से बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में मुलाकात की। उन्‍होंने छात्रों का हाल-चाल पूूूछा और हौसला बढ़ाते हुए कहा कि चिंता मत कीजि‍ए। आपका भविष्‍य भी अच्‍छा रहेगा। सब ठीक होगा।

सीएम योगी ने कहा कि युद्ध की इस विभिषिका में उत्तर प्रदेश के एक-एक छात्र की सकुशल घरवापसी होगी। छात्रों का पठन पाठन भी जारी रहे, इसका भी इंतजाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में करने के प्रयास जारी हैं। 15 की संख्या में मंदिर पहुंचे छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर परदेस में युद्ध के बीच अपने लोगों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार के प्रयास से दूसरे देशों के साथी छात्र भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर रहे हैं।

रोमानिया और हंगरी बॉर्डर सिर्फ भारतीयों छात्रों एवं नागरिकों के लिए खोले जा रहे हैं। वहां हम सब मानते हैं कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’। वहीं, छात्रों से संवाद में मुख्यमंत्री योगी ने ‘ऑपरेशन गंगा’ की सफलता को ऐतिहासिक बताया। छात्रों से अनुभव सुन कर सीएम योगी आदित्यनाथ भावुक भी हो गए। इस मुलाकात में छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी मौजूद रहे। इसके पूर्व लखनऊ में बीते रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूक्रेन से लौटे 52 छात्रों से मुलाकात की गई थी। ये सभी छात्र उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए आपदा विभाग की मदद से पहुंचे थे।

यूक्रेन से लौटे इन छात्रों ने की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात
प्रियांशी गुप्ता, रक्षा श्रीवास्तव, सौभ्या राज, विपुल शुक्ला, हरि मोहन कुमार, हर्षिता कौशल उपाध्याय, आयुष द्विवेदी, छयनिका सिंह, काजल कश्यप, खुशी कश्यप, सृष्टि सिंह, पवन कुमार यादव, अमन कुमार दूबे, निखिल तिवारी, अखिलेश कुमार ने सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मुलाकात की।

छात्रों से सीएम से साझा किए अपने अनुभव
‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि यूक्रेन बार्डर पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बार्डर पार करने में 30 घंटे लगे, वहीं यूक्रेन के सैनिकों ने बार्डर पर छात्रों के साथ मारपीट की। बहुत खराब व्यवहार किया लेकिन भारतीय दूतावास के सम्पर्क में आते ही सभी मुश्किले खत्म हो गई।’’
विपुल शुक्ला, एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष, विष्णुपुरम असुरन चौक
पोलैंड बार्डर पार करने में काफी दिक्कत हुई। बार्डर के 40 किलोमीटर दूर से पैदल तीन रात और दो दिन चले। तापमान माइनस सेवन से माइनस 10 डिग्री सेल्सियस था। न खाना था न मोबाइल में चार्ज। खुले आसमान के नीचे हैंडबैग में पड़े चाकलेट से रास्ता कटा। लेकिन बार्डर पार करते ही सभी दिक्कते दूर हो गई।’’

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