नई दिल्ली (मानवीय सोच) रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई लगातार सातवें दिन जारी है और ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इसका असर रूस के साथ भारत के रक्षा सौदों पर पड़ेगा? क्या पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर कई सारे आर्थिक प्रतिबंध लगाने की स्थिति में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी प्रभावित हो सकती है? इसका जवाब रूसी राजदूत ने दिया है.
जानिए रूसी राजनयिक ने क्या कहा
भारत में मौजूद रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के सहयोगी चैनल WION से बात करते हुए कहा, ‘मुझे भारत को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति के संबंध में कोई बाधा नहीं दिखती है. हमारे पास इस सौदे को जारी रखने के लिए तंत्र है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘रूस हमेशा राख से उठ खड़ा हुआ है और यह फिर से उठेगा. हमने पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं. हमारी अर्थव्यवस्था दबाव से बाहर निकलेगी.’
रूस-भारत के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील
भारत को रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पहली खेप मिल चुकी है, लेकिन अभी चार अन्य की डिलीवरी होनी है. रूस की तरफ से अभी तक डिलीवरी में देरी का कोई संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन यूक्रेन के साथ यह संकट लंबा चला तो यह चिंता का विषय जरूर हो सकता है. इसके अलावा CAATSA कानून के तहत खरीदारी के लिए अमेरिका का भारत पर प्रतिबंध एक अलग संभावना है. अभी तक अमेरिका चीन और तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन भारत को नजरअंदाज किया गया है.
रूस-यूक्रेन संकट से भारत को ज्यादा नुकसान का अनुमान
रूस-यूक्रेन संकट के चलते वैश्विक बाजार पर खतरा बरकरार है. दुनियाभर के शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ाकर संभल रहे हैं. कुछ देशों की करेंसी वैल्यू पर असर पड़ा है. इस भू-राजनीतिक तनाव का और बुरा असर ग्लोबल मार्केट पर दिख सकता है. मशहूर फाइनेंशियल एंड रिसर्च कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन संकट के चलते एशिया में सबसे बड़ा असर भारत पर हो सकता है. क्रूड ऑयल की आसमान छूती कीमतों का असर भारत को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है.