पटना (मानवीय सोच) चारा घोटाला से जुड़ी सबसे बड़ी 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उन्हें 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. सीबीआई की विशेष अदालत क्या सजा सुनाएगी, यह तो चार दिन बाद पता चलेगा. इसके पहले लालू की अनुपस्थिति को लेकर राजद के कार्यकर्ता मायूस हो गए हैं.
‘लालू की गैरमौजूदगी’
वैसे, यह कोई पहला मामला नहीं हैं कि लालू प्रसाद जेल जाने के कारण बिहार से दूर हुए हैं. इसके पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं जब लालू को यहां की राजनीतिक गतिविधियों से दूर होना पड़ा है. वैसे, लालू को अदालत से दोषी पाए जाने के बाद उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश करते हुए कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है. यादव ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे.
तेजस्वी ने संभाली कमान
वैसे तेजस्वी ने पिछले विधानसभा चुनाव में लालू यादव की अनुपस्थिति में राज्य में सबसे अधिक सीट जीत कर अपने नेतृत्व क्षमता को साबित कर दिया है. लालू प्रसाद भी कई मौकों पर तेजस्वी के नेतृत्व क्षमता की तारीफ कर चुके हैं. माना जा रहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि लालू प्रसाद की अनुपस्थिति से राजद प्रभावित होगा.
लालू प्रसाद राजद में सर्वमान्य नेता रहे हैं. कई मामलों पर दोनो भाइयों तेजप्रताप और तेजस्वी आमने सामने आते रहे हैं. ऐसे मामले में लालू की अनुपस्थिति के कारण पार्टी में प्रभाव पड़ेगा इसे नकारा नहीं जा सकता है.
‘नेताओं की उम्मीद बरकरार’
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि लालू प्रसाद पार्टी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद गरीबों की आवाज हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला अंतिम नहीं है, ऊपरी अदालत जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजद के कार्यकर्ता मायूस जरूर हैं लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि जब जब गरीबों की आवाज दबाने की कोशिश की गई वह आवाज और उभरकर सामने आई है.