वाराणसी (मानवीय सोच) ईवीएम लदी गाड़ी पकड़े जाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार रात लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों की बारिश की तो वाराणसी में इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई। अलग-अलग दलों के प्रत्याशियों ने चुनाव पर्यवेक्षक को चार सूत्री मांग पत्र सौंपा है। प्रत्याशियों ने वाराणसी के डीएम को तत्काल हटाने की मांग की है। उधर, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने तो यहां तक चेतावनी दी है कि जब तक कमिश्नर और डीएम हटाए नहीं जाते, तब तक मतगणना नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुताबिक सोमवार देर रात को पार्टी कार्यकर्ताओं ने ईवीएम से लदी एक गाड़ी पकड़ी थी।
सात मार्च को सातवें और अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब सभी को 10 मार्च की मतगणना और परिणामों का इंतजार है। सात मार्च की शाम आए ज्यादातर एग्जिट पोलों में भाजपा को दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते दिखाया गया है। अखिलेश यादव ने इन एग्जिट पोलों को भी गलत बताते हुए कहा कि हो सकता है कि ये एग्जिट पोल इसलिए कराए गए हों कि भाजपा जब ईवीएम के साथ गड़बड़ी करे तो परिणामों पर किसी को शक न हो। सोमवार की रात सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में ईवीएम लदी कुछ गाड़ियों के पकड़े जाने का दावा किया। अब इस मामले पर अलग अलग दलों के प्रत्याशियों ने चुनाव पर्यवेक्षक को चार सूत्री मांग पत्र सौंपा है।
सपा-सुभासपा ने लखनऊ में दिया ज्ञापन
समाजवादी पार्टी और सुभासपा ने लखनऊ में चुनाव आयोग को इसे लेकर ज्ञापन सौंपा। समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से वाराणसी में ईवीएम में गड़बड़ी और बरेली के स्ट्रांगरूम के बाहर सादे बैलेट पेपर के वीडियो का संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी पर कार्यवाही करने की मांग की है। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और वरिष्ठ नेता केके श्रीवास्तव ने मंगलवार रात अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज बनारस में तीन गाड़ियां ईवीएम लेकर निकली। ईवीएम को बोरे से ढका हुआ था। दो गाड़ियां को भाग गईं लेकिन एक गाड़ी को हमारे कार्यकर्ताओं ने रोक लिया। राजभर ने कहा कि चुनाव आयोग की गाइड लाइन है कि स्ट्रांग रूम परिसर से कोई भी ईवीएम निकलती है तो इसके बारे में प्रत्याशी को नोटिस हो, जिलाध्यक्ष को बताया जाए। इसके अलावा फोर्स के साथ ही ईवीएम को मूव किया जा सकता है। लेकिन चोरी से ईवीएम बदलने की नियत से ऐसा किया गया है। जब तक डीएम और कमिश्नर वहां रहेंगे मतगणना निष्पक्ष नहीं हो सकती है। राजभऱ ने कहा कि हमने अपनी बात चुनाव आयोग को बता दी है। जब तक दोनों अधिकारियों को हटाया नहीं जाता है हम लोग वहां मतगणना नहीं होनें देंगे। राजभर ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि हम वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। हम लोगों को अब ये देखना है कि क्या व्यवस्था होती है। हमारा काम है इन्हें बताना और इनका काम है उसे पूरा करने की व्यवस्था करना।
1- वाहन से ईवीएम बाहर ले जाने की उच्चस्तरीय जांच हो
2-चुनाव के दिन की ईवीएम और कंट्रोल यूनिट की सूची प्रत्याशियों को उपलब्ध कराई जाए
3-कथित तौर पर मतगणना प्रशिक्षण के लिए ले जाये जा रहे ईवीएम और कंट्रोल यूनिट की सूची उपलब्ध कराई जाए
4-निष्पक्ष मतगणना के लिए मंडलायुक्त व डीएम को तत्काल हटाया जाए