सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

नई दिल्ली (मानवीय सोच) फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट में राज्य कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट में एंप्लॉयर्स के कंट्रीब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन लिमिट को अब 14 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है। राज्य कर्मचारियों के लिए अभी NPS अकाउंट पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 10 फीसदी है। हालांकि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से 14 फीसदी की टैक्स डिडक्शन लिमिट का फायदा मिल रहा है। सरकार का यह कदम राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता लाने का काम करेगा। साथ ही, इससे सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स में बढ़ोतरी होगी।

राज्य कर्मचारी अब क्लेम कर सकेंगे 14% का टैक्स बेनेफिट
राज्य सरकार के कर्मचारी अब फाइनेंशियल ईयर 2022-23 से अपने एंप्लॉयर की तरफ से किए गए NPS कंट्रीब्यूशन (एनपीएस अकाउंट में राज्य सरकारों की तरफ से किए गए योगदान)  पर 14 फीसदी का टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए टैक्स बेनेफिट अभी 10 फीसदी ही है।

तीन अलग-अलग सेक्शंस के तहत टैक्स बेनेफिट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट्स में इनवेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तीन अलग-अलग सेक्शंस के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है। सेक्शन 80 CCD(1) के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में एनपीएस में 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर डिडक्शन बेनेफिट मिलता है। यह डिडक्शन, सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख  रुपये की ओवरऑल लिमिट में आता है।

50 हजार रुपये का एडिशनल डिडक्शन
NPS पर सेक्शन 80C डिडक्शन के ऊपर भी अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलता है। यह एडिशनल डिडक्शन सेक्शन 80 CCD(1b) के तहत 50,000 रुपये तक मिलता है। कोई भी टैक्सपेयर NPS के टियर-1 अकाउंट्स में निवेश करके 50,000 रुपये तक एडिशनल डिडक्शन का फायदा ले सकता है। इस तरह कोई भी टैक्सपेयर NPS में इनवेस्ट करके एक फाइनेंशियल ईयर में 2 लाख रुपये के ओवरऑल टैक्स बेनेफिट को क्लेम कर सकता है। 2 लाख रुपये का यह टैक्स बेनेफिट केवल तभी मिलेगा, जबकि किसी व्यक्ति ने ओल्ड टैक्स रिजीम को अपनाया है। 2 लाख रुपये की लिमिट के ऊपर एंप्लॉयर (नियोक्ता) की तरफ से किए गए किसी कंट्रीब्यूशन पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 CCD(2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.