नयी दिल्ली (मानविय सोच): भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने को लेकर केंद्र के विभागों में सहमति बन गई है और जल्दी ही इस संबंध में मंत्रिमंडल के लिए एक नोट का मसौदा जारी किया जाएगा।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने रविवार को संवाददाताओं से बात चीत में एलआईसी के आईपीओ में विदेशी निवेशकों को अवसर देने के बारे में एक सवाल पर कहा,“काम चल रहा है दीपम और अन्य विभागों के साथ बातचीत में मतैक्य हो चुका है।”
जैन ने कहा,“नोट का मसौदा तैयार कर है इसे जल्दी ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।” उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अब इस बारे में बोल दिया है और काम चल रहा है। कैबिनेट नोट जल्दी ही पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि सीतारमण ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ एक बैठक में एलआईसी के प्रथम सार्वजनिक निर्गम की तैयारियों की समीक्षा की थी। यह आईपीओ इस वर्ष मार्च के अंत तक आने की संभावना है यह अब तक का सबसे बड़ा निर्गम होगा। सरकार ने मार्च 2021 में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी , लेकिन एलआईसी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कि अभी अनुमति नहीं है क्योंकि एलआईसी एक अलग कानून के तहत संचालित होता है उसमें कंपनी में एफडीआई का प्रावधान नहीं है ।
सरकार ने अभी एलआईसी के आईपीओ के लिए कीमत या तारीख की घोषणा नहीं की है।अभी यह भी नहीं बताया गया है कि सरकार इसमें अपनी कितनी हिस्सेदारी बेचेगी। अभी एलआईसी के आईपीओ का मसौदा भी अभी बाजार नियामक सेबी के पास जमा किया जाना है। अनुमान है कि अटकलें हैं कि इस माह के आखिरी सप्ताह तक सेबी में विवरण जमा कराय जा सकते हैं।
चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य की दिशा में एलआईसी का आईपीओ महत्वपूर्ण है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अबतक 9300 करोड़ रुपये से कुछ अधिक जुटाए हैं।