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झाँसी। राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद की हॉकी ने देश-विदेश में अपनी काबिलियत साबित की। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म इलाहाबाद में हुआ था, लेकिन उनका जन्म स्थान बुंदेलखंड के झांसी शहर में ही रहा। हॉकी के महान जादूगर दादा ध्यानचंद की हॉकी खेलने की शैली से विदेशी हैरान थे। कई टूर्नामेंटों में मेजर ध्यानचंद की हॉकी को सिर्फ इसलिए बदल दिया गया क्योंकि विदेशियों को लगता था कि गेंद किसी तरह उनकी हॉकी में चिपक जाती है। ध्यानचंद और हॉकी एक दूसरे के पूरक थे, कभी-कभी बुंदेलखंड को हॉकी का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन वर्तमान समय में युवाओं में क्रिकेट का जुनून फैल गया है, तो राष्ट्रीय खेल हॉकी अपने गढ़ बुंदेलखंड में एक शुरुआत बन गई है।

यहां कुछ समय के लिए मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि राष्ट्रीय खेल हॉकी किसी समय बुंदेलखंड का गढ़ रहा है। यहां अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है। बुदेलखंड के डॉ. विशम्भरनाथ मेजर ध्यानचंद के साथ हॉकी खेल चुके हैं। डॉ. विशम्भरनाथ का टीकमगढ़ में टूर्नामेंट मैच में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। डॉ. विशम्भरनाथ की मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में वर्ष 1979 में बुंदेलखंड के महोबा जिले के डंक बांग्ला मैदान में हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। मेजर ध्यानचंद ने उस टूर्नामेंट का उद्घाटन किया था।

Source-Agency News

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