नई दिल्ली (मानवीय सोच) VVPAT पर्चियों के ईवीएम (EVM) से मिलान पर दायर की गई याचिका को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस याचिका की सुनवाई करेगा. दरअसल अभी तक VVPAT की पर्चियों का मिलान ईवीएम से वोटों की गिनती के बाद किया जाता है लेकिन याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इसे मतगणना की शुरुआत में किया जाना चाहिए.
VVPAT वेरिफिकेशन पर SC दे सकता है नए निर्देश
बता दें कि पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के वोटों की गिनती से 1 दिन पहले VVPAT की पर्चियों के मिलान पर दायर याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को अहम माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके बारे में चुनाव आयोग को सूचना दे दी जाए, देखते हैं इस बारे में क्या हो सकता है?
याचिका में की गई है ये मांग
जान लें सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश कुमार ने दायर की है. सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच और जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की बेंच के सामने याचिका का उल्लेख किया.
वोटों की गिनती से एक दिन पहले सुनवाई क्यों?
बेंच ने मीनाक्षी अरोड़ा से पूछा कि गिनती परसों है और उन्होंने अब याचिका का जिक्र किया है? इसके बाद मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के लिए दबाव डाला क्योंकि मतगणना 10 मार्च को है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि VVPAT की पर्चियों का मिलान ईवीएम से एजेंटों के सामने वोटों की गिनती की शुरुआत में ही किया जाना चाहिए. इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.
अधिक बूथों पर हो VVPAT का वेरिफिकेशन
गौरतलब है कि दायर याचिका में ये भी मांग की गई है कि हर विधान सभा में VVPAT वेरिफिकेशन के लिए बूथों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, अभी हर विधान सभा के पांच बूथों पर VVPAT की पर्चियों का मिलान ईवीएम से किया जाता है. अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) प्रति विधान सभा क्षेत्र से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था.