अब लखनऊ मेट्रो बसंतकुंज से चारबाग तक दौड़ सकेगी। मेट्रो के प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के डीपीआर को मंजूरी मिल गई है। परियोजना को लेकर 9 जुलाई को दिल्ली में हुई बैठक में नेटवर्क प्लॉनिंग ग्रुप (एनपीजी) ने मंजूरी दे दी। प्रदेश सरकार की ओर से इस परियोजना को मार्च में ही अनुमोदन मिल चुका है। शासन के अधिकारियों ने बताया कि अपर सचिव औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अध्यक्षता में दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में एनपीजी की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री गति शक्ति (पीएमजी) नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार की यूटिलिटी वॉटर पाइप लाइन, ट्रांसमिशन लाइन, सीवर लाइन, रेलवे लाइन, पुरातत्व विभाग से संबंधित इमारतें, स्मारक, बस स्टैंड व मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर चर्चा की गई।
कुल स्टेशनों की संख्या 12 होगी
बसंतकुंज से चारबाग तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी। इसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किलोमीटर होगी, जबकि भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर होगी। कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 होगी, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। कॉरिडोर के पूरा होने में करीब 5 वर्षों का समय लगेगा। अनुमानित लागत 5,801 करोड़ रुपये बताई जा रही है। कॉरिडोर मौजूदा नार्थ-साउथ कॉरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा।