नई दिल्ली (मानवीय सोच) : कोरोना वायरस के मामले देश विदेश में बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते केंद्र व् राज्य सरकार ने भी टीकाकरण मुहिम को तेज कर दिया है। इसी बीच देश में 15-17 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन की शुरुआत के बाद अब 12-14 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। कोरोना पर बने नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) के चीफ डॉ एन के अरोड़ा के मुताबिक मार्च से 12 से 14 के बच्चों को वैक्सीन लगेगी।
अब तक 15-17 साल के बच्चों को लगी पहली डोज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब तक 15-17 साल के 3.31 करोड़ बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। इसका मतलब, केवल 13 दिनों में ही 45% बच्चे पहली डोज के साथ वैक्सीनेटेड हैं। अरोड़ा का कहना है कि जनवरी के अंत तक 15-17 साल के 7.4 करोड़ बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी। जिसके बाद फरवरी की शुरुआत से इन बच्चों को दूसरी डोज देना शुरू कर दिया जाएगा। महीने के अंत तक इन सबको वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाएगी। इसके बाद 12-14 साल के बच्चों को फरवरी के आखिर से या फिर मार्च की शुरुआत से वैक्सीन देना शुरू कर सकते हैं।
अरोड़ा के मुताबिक, 12-17 साल की उम्र के बच्चे काफी हद तक वयस्क की तरह ही होते हैं। इसलिए वैक्सीनेशन की बात की जाए तो ये बच्चे सरकार की प्राथमिकता हैं। उनके अनुसार, टीनएजर्स काफी गतिशील होते हैं। इनका स्कूल और कॉलेजों में एक दूसरे से मिलना-जुलना होता है, जिससे इन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है। वहीं भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सिन को भारत सरकार ने 2 से 17 साल के बच्चों के लिए इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को बच्चों पर किए गए ट्रायल में सुरक्षित पाया गया था।