आरक्षण को लेकर हो रहे भारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने देश की शीर्ष नौकरशाही में लेटरल एंट्री से भर्ती वाले विज्ञापन को रद्द कर दिया है. विपक्ष के साथ-साथ BJP के कई सहयोगी दल भी इसके खिलाफ थे. विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम को आरक्षण खत्म करने की कोशिश बताया था. कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC की चेयरमैन प्रीति सुदन को पत्र लिखकर इस भर्ती रद्द करने को कहा है. बता दें UPSC ने शीर्ष नौकरशाही में 45 नियुक्तियों को लेकर विज्ञापन जारी किया था
जिसे लेकर विवाद हो रहा था. UPSC ने हाल ही में शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों के नोटिफिकेशन जारी किया था. इनने 10 संयुक्त सचिव और 35 उप सचिव के पद थे. इन पदों को लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा जाना था. इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. उनका दावा था कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण के अधिकार कमजोर होंगे. उनका कहना था कि UPSC की तरफ से ‘लेटरल एंट्री’ के लिए जारी किये गए विज्ञापन में आरक्षण का कोई जिक्र नहीं है.