ट्रूकॉलर के ऑफिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जांच की गई। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से ट्रूकॉलर ऑफिस और उससे संबंधित कैंपस में तलाशी ली गई। कंपनी पर ट्रांसफर प्राइसिंग नियम के उल्लंघन का आरोप लगा है तथा इस मामले में इनकम टैक्स एजेंसियां जांच कर रही है। स्वीडन बेस्ड ट्रूकॉलर भारत सहित कई देशों में काफी पॉपुलर है। यह ऐप आपको उन कॉलर के नाम बताता था,
जिनके नंबर आपके फोन में सेव नहीं होते हैं। जैसे अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आ रहा है तो ट्रूकॉलर उस शख्स का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखा देता है। इसके बाद आप उस कॉल को उठाने या ना उठाने के बारे में सोच सकते हैं।ट्रूकॉलर की सहायता से आप खुद को स्पैम और स्कैम से भी बचा सकते हैं। बता दें कि इस ऐप पर कुछ नंबर को स्पैम में रिपोर्ट करने का ऑप्शन होता है।
ऐसे में अगर एक ही नंबर को कई लोग स्पैम रिपोर्ट कर देते हैं तो ऐप भी उसे स्पैम मान लेता है। इसके बाद जब उस नंबर से जब भी किसी को कॉल जाता है तो Truecaller उसे स्पैम नंबर बताता है। ऐसे में लोग खुद को स्पैम और फेक कॉल से बचा सकते हैं। स्विडिश ऐप ट्रूकॉलर की शुरुआत Alan Mamedi तथा Nami Zarringhalam ने साल 2009 में की थी। वहीं अब वे डेली ऑपरेशन से हटने जा रहे हैं तथा जनवरी तक अपना पद छोड़ देंगे। अब उनकी जगह रिशित झुनझुनवाला पद संभालेंगे। बता दें कि रिशित झुनझुनवाला पहले से ही Truecaller App में प्रोडक्ट चीफ के तौर पर कार्यरत हैं।