नई दिल्ली (मानवीय सोच) अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के मौके पर रेलवे में नारी सशक्तिकरण की छवि दिखाई दे रही है. भारतीय रेलवे ने ट्वीट कर रेलवे में महिलाओं की भागीदारी की झलक दिखाते हुए नारी शक्ति को सलाम किया है. रेलवे ने अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह पर दिखाया कि कई ट्रेनों की कमान महिलाओं के हाथ में है.
माटुंगा स्टेशन का संचालन सिर्फ महिलाओं के हाथ
रेलवे ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन सिर्फ महिलाएं कर रही हैं, स्टेशन मास्टर से लेकर गार्ड तक सभी पदों पर महिलाएं ही नियुक्त हैं. ये वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है. इस स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. मंत्रालय के अनुसार इस स्टेशन के हर विभाग में सिर्फ महिला स्टाफ को ही नियुक्त किया गया है. ये दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं.
ट्वीट कर दी जानकारी
रेलवे ने ट्वीट कर कहा, ‘बदल रहा वक्त, हर क्षेत्र में नारी हो रही सशक्त! हमारी महिला कर्मचारी संभाल रही हैं माटुंगा समेत देश के कई रेलवे स्टेशनों की कमान, बढ़ा रही हैं देश की नारी शक्ति का मान, उनकी कर्तव्यनिष्ठा को भारतीय रेल का सलाम!’ महिला शक्ति धीरे-धीरे हर क्षेत्र में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दे रही है. महिलाएं अब उन कामों में भी काफी आगे आ रही हैं जो अब तक केवल पुरुषों के करने लायक ही समझे जाते थे.
रेलवे ने पेश की मिसाल
इसी का उदाहरण है महाराष्ट्र के कल्याण गुड्स यार्ड में मालगाड़ियों की जांच के लिए नियुक्त की गई महिला टीम महाराष्ट्र के कल्याण गुड्स यार्ड में एक महिला टीम का गठन किया गया है. अब तक रेलवे के भारी कामों के लिए अधिकांश पुरुषों की नियुक्ति ही होती आई है. खासकर मालगाड़ी से जुड़े अधिकतर कामों में पुरुष टीम ही नियुक्त की जाती रही है. महिलाओं को इस तरह के कामों के लिए बहुत कम नियुक्ति मिली है लेकिन अब धीरे-धीरे नए बदलाव के तहत रेलवे पूरी टीम में सिर्फ महिलाओं को जगह दे रहा है.
महिलाओं की सहभागिता बढ़ी
इससे पहले पश्चिम रेलवे 2016 से ही महिलाओं को हेवी ड्यूटी में नियुक्ति देकर उनकी सहभागिता बढ़ा रहा है. 2016 में पहली बार उदिता वर्मा को सहायक लोको पायलट के रूप में नियुक्ति दी गई थी. 2021 में पहली बार वसई स्टेशन पर एक इतिहास बना जब एक पूरी मालगाड़ी को लेकर महिला स्टाफ स्टेशन पर पहुंचा.