लखनऊ (मानवीय सोच) कानपुर और लखनऊ के बीच बनने वाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण में पहली बार 3डी इंजीनियर तकनीक के मॉडल का प्रयोग होगा। इसमें जीरो एरर पर एक्सप्रेस-वे की सड़क सतह तैयार होगी। यह सतह ऐसी होगी, जिस पर वाहन कितनी भी स्पीड में चले, उसमें रखे गिलास से पानी तक नहीं झलकेगा। पूरी सड़क जीरो वाटर लेवल का मानक लेकर बनाई जाएगी।
3 डी मॉडल के तहत सड़क के निर्माण में लम्बाई, चौड़ाई और मोटाई के बाद किनारों की 90 डिग्री पर कटिंग पर कम्प्यूटर से मशीनों को दिशा-निर्देश मिलेंगे। इससे सड़क में कहीं भी किसी भी तरह की खामी नहीं दिखाई देगी। इस तकनीक से जर्मनी-अमेरिका में सड़कों का निर्माण हो रहा है। यह तकनीक निर्माण को तेज करती है और निर्माण सामग्री का सौ फीसदी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें बर्बादी जरा भी नहीं होती है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएन गिरि ने माना कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण दिसम्बर, 2023 में पूरा करने के लिए हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल होगा। जीरो एरर पर आठ लेन के साथ दोनों तरफ की सड़क की सतह एक जैसी होगी।
टोल प्लाजा पर लगाए जाएंगे थ्रीडी कैमरे
विधानसभा चुनाव की घोाषणा होते ही सख्ती शुरू हो गई है। अब टोल प्लाजा पर थ्री डी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों के जरिए टोल प्लाजा से गुजर रहीं राजनीतिक दलों की गाड़ियों पर नजर रखी जाएगी। मंथली पास से इतर किसी भी पार्टी की गाड़ी अन्य गाड़ियों को निकालती है तो उसे फास्टैग से ही टोल का भुगतान करना होगा। टोल प्लाजा प्रबंधन को इन कैमरों की रिपोर्ट हर दिन स्थानीय पुलिस के साथ प्रशासन को भी देनी होगी। आचार संहिता का उल्लंघन होने पर पहले नोटिस फिर कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। एनएचएआई ने सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग के अलग काउंटर सोमवार से शुरू करने को कहा है ताकि लोकल जिलों के लोग आसानी से हाईवे से आवागमन कर सकें और उन्हें दोगुना टोल न देना पड़े।