लखनऊ में स्कूलों को दो से तीन गुना भेजा जा रहा सीवर और वाटर टैक्स

जलकल विभाग स्कूलों को बढ़ा हुआ सीवर और वाटर टैक्स भेज रहा है। स्कूलों ने मनमाने तरीके से बढ़ाए गए टैक्स पर नाराजगी जताते हुए जलकल विभाग और नगर निगम में आपत्ति दर्ज कराई है। इस बारे में नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह से भी शिकायत की गई है।

नगर आयुक्त ने सभी जोनल अधिकारियों को प्रकरणों के निस्तारण के लिए भवनों का कर निर्धारण करने का आदेश दिया है। जीआईएस सर्वे के बाद नगर निगम भवनों का दो से तीन गुना तक गृहकर बढ़ा चुका है। इसे देखते हुए जलकल विभाग ने भी सीवर और वाटर टैक्स बढ़ा दिया है। इसके लिए स्कूलों और भवन स्वामियों को बढ़े हुए सीवर कर की नोटिस भेजी जा रही है।

 2003 के शासनादेश के अनुसार, 12वीं तक के स्कूलों को गृहकर से छूट दी गई है, लेकिन इनसे सीवर और वाटर टैक्स लिया जाता है। नगर निगम द्वारा भवनों के कर निर्धारण के आधार पर ही जलकल विभाग 15.5 प्रतिशत सीवर और वाटर टैक्स लेता है।

स्कूलों की आपत्तियों के बाद नगर निगम स्कूलों का दोबारा गृहकर निर्धारण करेगा। गृहकर के आधार पर ही सीवर और वाटर टैक्स लिया जाता है। गृहकर में बढ़ोतरी हो चुकी है। इसलिए सीवर और वाटर टैक्स भी बढ़ाया गया है। जिन भवन स्वामियों की आपत्तियां आ रही हैं नगर निगम द्वारा दोबारा असेसमेंट करके उनका निस्तारण कराया जाएगा।