नागपुर (मानवीय सोच) श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। इस दौरान बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के बीच संवाद स्थापित करने की संभावना सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। श्रीलंकाई उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, मोरागोडा ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की। बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बयान में कहा गया, “बैठक के दौरान उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की, विशेष रूप से बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के बीच। साथ ही उन तरीकों और साधनों की तलाश की गई, जिनके माध्यम से इन दो विश्व धर्मों के बीच संवाद स्थापित किया जा सके। दोनों धर्मों की उत्पत्ति भारत में हुई है।”
RSS चीफ को दो फ्रेमयुक्त तस्वीरें भेंट कीं
राजनीतिक रूप से नियुक्त मोरागोडा ने पिछले साल नई दिल्ली में पदभार ग्रहण किया और हाल के महीनों में भारत के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया है। उन्होंने आरएसएस चीफ को दो फ्रेमयुक्त तस्वीरें भेंट कीं- केलनिया राजमह विहार के भित्ति चित्र, जो भारत द्वारा श्रीलंका को बौद्ध धर्म के उपहार को दर्शाती हैं। पहली तस्वीर में श्रीलंका पहुंचने पर राजा देवनमपियातिसा को बुद्ध का संदेश देते हुए अरहत महिंदा के भित्ति चित्र को दर्शाया गया है। दूसरा श्रीलंका में थेरी संघमित्त के आगमन को दर्शाता है, जिसमें महा बोधि वृक्ष की शाखा का पौधा है।
मोरागोडा ने आरएसएस के संस्थापक केशव हेडगेवार के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। हेडगेवार स्मारक समिति भवन में उन्होंने समिति के अधिकारियों की उपस्थिति में उपहार में दी गई दो तस्वीरों का अनावरण भी किया।