नोएडा (मानवीय सोच) सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को नोएडा प्राधिकरण को 1997 में नोएडा के छलेरा बांगर गांव में 7400 वर्ग मीटर के दो भूखंड खरीदने वाले व्यक्ति को 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता को जमीन खरीदने के बाद उसका कब्जा नहीं मिला था, यह कहते हुए कि नोएडा प्राधिकरण ने उसे बताया कि जमीन उनके अधिकार में है.
बड़े बिल्डर के कब्जे में जमीन
ट्रायल कोर्ट से जमीन पर रोक के बावजूद, प्राधिकरण ने जमीन का अधिग्रहण किया और 2004 में जमीन के कब्जे को एक बड़े बिल्डर को ट्रांसफर करते हुए टेंडर जारी किया. दीवानी वाद जो पहले निचली अदालत में दायर किया गया था, उसे उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और फिर अंत में सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया.
एक वर्ग मीटर के 1.10 लाख
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद जमीन मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 7400 वर्ग मीटर जमीन को 1.10 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा देने का आदेश दिया.