हाईकोर्ट ने दीवाली गिफ्ट दिया है। जल निगम भर्ती घोटाला सामने आने के बाद निकाले गए जूनियर इंजीनियर व क्लर्कों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सीएफएसएल जांच रिपोर्ट में दागी पाए गए 169 को छोड़कर शेष चयनित अभ्यर्थियों की सेवा बहाल करने का आदेश दिया है। इसमें अयोध्या में कार्यरत 21 कर्मचारी भी शामिल हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की अदालत ने समराह अहमद समेत सैकड़ों अभ्यर्थियों की ओर से तीन साल सेवा करने के बाद चयन रद्द किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करते हुए दिया है।
दरअसल यह भर्ती घोटाला सपा के सरकार में हुआ था। आरोप लगा था की कुछ अभ्यर्थियों को बढ़ा चढ़ा कर नम्बर देकर नियुक्ति की गई थी। एसआईटी जांच में सामने आया की चहेतों को बढ़ा चढ़ाकर नम्बर दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन मंत्री आजम खां को भी दोषी बनाया गया है। सीएंडडीएस यूनिट के लेखा सहायक रहे अभिषेक पांडेय ने बताया कि आदेश के मुताबिक, कोर्ट की राहत के हकदार केवल याची होंगे। सेवा बहाली पाने वाले याची याचिका लंबित रहने की अवधि के लिए वेतन के किसी भी बकाया के हकदार नहीं होंगे, जबकि उनकी वरिष्ठता बहाल की जाएगी और काल्पनिक वेतन वृद्धि के साथ वेतन संरक्षण भी प्रदान किया जाएगा।