लखनऊ : (मानवीय सोच) वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे पर लखनऊ के SGPGI के प्रोफेसर ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। संस्थान के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट विभाग के प्रमुख डॉ. उदय सी घोषाल ने बताया, लीवर को सबसे ज्यादा खतरा हेपेटाइटिस बी से हैं। इसके चपेट में आने के बाद ही मरीज लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर की जद में आ जाता हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात यह हैं कि इस वायरस से संक्रमित 90% मरीजों को यह भी नही पता कि वो हेपेटाइटिस की चपेट में हैं और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत हैं। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि ज्यादातर संक्रमितों में बिना लक्षण के लीवर को वायरस डैमेज कर रहा है। लिहाजा लीवर को सुरक्षित रखने के लिए इससे बचाव जरूरी हैं।
SGPGI के प्रो.घोषाल कहते हैं, हेपेटाइटिस के ज्यादातर मरीज सीरियस कंडीशन में ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। लीवर सिरोसिस और कैंसर होने के बाद इसके मूल जड़ में हेपेटाइटिस बी होने का पता चलता हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के लिए इनका इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। SGPGI जैसे चिकित्सा संस्थान में करीब 100 मरीज रोज आ रहे हैं। जो कि इस बीमारी की गंभीरता को दिखाते हैं।