लखनऊ। अपहरण के एक मामले में लखनऊ की एमपी-एमएए कोर्ट ने महाराजगंज के नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी व उनके साथियों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है. विशेष न्यायाधीश पवन राय इस मामले में गुरुवार यानी 30 सितंबर को फैसला सुना सकते हैं. आज विधायक अमनमणि त्रिपाठी के भाग्य का फैसला होगा। अगर उसे दो साल से ज्यादा की सजा हो जाती है तो उसकी विधायिका भी चली जाएगी और वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
दरअसल, 6 अगस्त 2014 को गोरखपुर ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने अमनमणि त्रिपाठी व उनके दो साथियों संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण व फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने मामले की जांच के बाद अमनमणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 386, 504, 506 के तहत चार्जशीट भी दाखिल की थी. अदालत ने 28 जुलाई 2017 को अमनमणि समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप भी तय किए थे. अब एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इस मामले में अमनमणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला के खिलाफ सुनवाई पूरी करने के बाद 30 सितंबर की तारीख तय की है. आपको बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी महाराजगंज के नौतनवा से निर्दलीय विधायक हैं और बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं.
पिता और मां पहले से ही जेल में हैं
गौरतलब है कि अमनमणि त्रिपाठी पर पत्नी की हत्या का भी आरोप लगा है। कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि जेल में हैं। मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को उनके लखनऊ स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मधुमिता शुक्ला के गर्भवती होने की बात सामने आई थी। डीएनए टेस्ट से पता चला कि अजन्मे बच्चे के पिता अमरमणि त्रिपाठी थे। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी, मधु मणि त्रिपाठी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से दोनों जेल में हैं.