लखनऊ : (मानवीय सोच) छह बिजली उत्पादन इकाइयां ठप हो गई हैं। इससे 1937 मेगावाट कम बिजली उत्पादन हो रहा है। ऐसे में बारिश थमी और गर्मी बढ़ी तो प्रदेशवासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। उत्पादन ठप होने की वजह तकनीकी खामी बताई जा रही है।
प्रदेश में पिछले सप्ताह चार विद्युत उत्पादन इकाई ठप हो गई थीं। इस बार छह उत्पादन इकाई ठप हुई हैं। इसमें टांडा की दो यूनिटों से 220 मेगावाट, मेजा से 528 मेगावाट, रिहंद से 189 मेगावाट, अनपरा की दो यूनिटों से एक हजार मेगावाट बिजली पावर कॉरपोरेशन को मिलती थी।
पावर कॉरपोरेशन की ओर से उत्पादन इकाइयों के ठप होने की वजह तकनीकी खामी (ब्वायलर ट्यूब लिकेज) बताया जा रहा है। इन यूनिटों के ठप होने से उत्पादन कम हो रहा है।
ऐसी स्थिति में गर्मी बढ़ी तो प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, अभी प्रदेश में बिजली की मांग करीब 24 हजार मेगावाट है। इसमें उत्पादन निगम की यूनिटों से 3915 मेगावाट बिजली मिल रही है, जबकि 12 हजार मेगावाट आयातित बिजली से काम चलाया जा रहा है।