विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। महाकुंभ के आयोजन को लेकर पूरे शहर में सड़कों के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के कार्य जोरों पर हैं। ऐसे में महाकुंभ के केंद्रीय स्थल संगम की ओर जाने वाली सड़कों के चौंडीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य भी अंतिम चरण में है। इसको 30 नवंबर तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पीडीए और छावनी परिषद के सहयोग से शहर से संगम को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण कार्य 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या के मुताबिक मेला क्षेत्र की सभी सड़कें पिछले कुंभ की तुलना में दोगुनी से ज्यादा संख्या में चौड़ी की जा रही हैं।
महाकुंभ 2025 का सफल आयोजन सीएम योगी की प्राथमिकता है। ऐसे में यूपी सरकार इसके आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है, जो कि पिछले कुंभ मेले की तुलना में ढेड़ से दो गुना है। सड़कों का चौड़ीकरण भी उसी अनुपात में किया जा रहा है। महाकुंभ में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य गंतव्य स्थल त्रिवेणी संगम है। त्रिवेणी संगम को शहर से जोड़ने वाली सभी सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
अपर मेलाधिकारी ने बताया कि शहर से संगम जाने वाली त्रिवेणी रोड़, लाल सड़क, काली सड़क, नवल राय रोड़, किला घाट रोड़ व दारागंज रोड़ के चौड़ीकरण का कार्य 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। श्रद्धालुओं की संख्या के अनुमान के मुताबिक सभी सड़को की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है। साथ ही सड़कों के दोनों ओर इंटरलॉकिंग फुटपाथ भी बनाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। प्रयागराज जंक्शन से संगम को जोड़ने वाली त्रिवेणी रोड़ और दारागंज की रिवर फ्रंट रोड का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र की सड़कें छावनी परिषद के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। इन सड़कों का निर्माण व चौड़ीकरण का कार्य पीड़ीए व छावनी परिषद के सहयोग से हो रहा है। साथ ही किला घाट और हनुमान मंदिर के आगे संगम नोज तक जाने वाली इंटर लॉकिंग सड़कें भी दोगुनी चौड़ी की जा रही हैं। इनका निर्माण कार्य भी 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। सड़क के किनारे व मुख्य चौराहों पर होर्ड़िंग व साइन बोर्ड के जरिए श्रद्धालुओं को मेले के मुख्य दर्शनीय स्थलों के बारे में सभी जरूरी सूचनाएं दी जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह सूचना व पूछताछ केंद्र भी बनाए जाएंगे।