पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टी बनाए गए कारोबारी रतन टाटा

नई दिल्‍ली :  (मानवीय सोच) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने मंगलवार को ‘‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष” यानी ‘‘पीएम केयर्स फंड” के न्यासी मंडल के साथ एक बैठक की और दिल खोलकर इस कोष में योगदान देने के लिए देशवासियों की सराहना की. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई. बैठक में भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति और इंडी कोर्प्स और पीरामल फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी अधिकारी आनंद शाह को पीएम केयर्स फंड के सलाहकार बोर्ड में मनोनीत करने का फैसला लिया गया.

पीएमओ के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नवनियुक्त न्यासी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के टी थॉमस, लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष करिया मुंडा और टाटा सन्स के मानद अध्यक्ष रतन टाटा शामिल हुए. बैठक के दौरान कोविड-19 के चलते अपने परिजनों को खो चुके 4,345 बच्चों की मदद करने वाले ‘‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन” सहित पीएम केयर्स की मदद से शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे में एक प्रस्तुति दी गई. न्यासियों की ओर से कोविड काल में इस कोष द्वारा निभाई गई भूमिका का सराहना की गई जबकि प्रधानमंत्री ने पीएम केयर्स में दिल खोलकर योगदान देने के लिए देशवासियों की प्रशंसा की.

पीएमओ के मुताबिक बैठक में यह चर्चा की गई कि न सिर्फ राहत सहायता बल्कि शमन उपाय और क्षमता निर्माण के जरिए भी पीएम केयर्स के पास आपातकालीन और संकट की स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए एक बड़ा दृष्टिकोण है. पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि नए न्यासियों और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक जीवन में उनका व्यापक अनुभव, इस कोष को विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने में और अधिक उत्साह प्रदान करेगा.” उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद सरकार ने इससे उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी.

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