अमेठी (मानवीय सोच) जिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी के बाद अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 104 हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। जल्द ही अब इन केंद्रों पर कैंसर की प्रारंभिक जांच के साथ 12 प्रकार के रोगों की जांच की जाएगी। शासन की ओर से इसके लिए 1.90 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं। राशि आवंटित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उपकरणों को क्रय करने की कवायद शुरू कर दी है।
ग्रामीणों को अब उनके गांव/घर के बगल ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो सकेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 15वें वित्त आयोग से स्वास्थ्य संबंधी अनुदान के तहत उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निदान संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ 90 लाख 27 हजार रुपये अवमुक्त कर दिए हैं।
मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सीएमओ को पत्र भेजकर इन सेंटरों पर 14 प्रकार की निदान संबंधी सेवाओं में से 12 प्रकार की जांचों की व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही है। मिशन निदेशक का पत्र मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। सभी वेलनेस सेंटरों पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तथा एक-एक एएनएम की तैनाती है। कैंसर संबंधी जांच के लिए सभी सीएचओ को कैंसर के ब्रेस्ट व सर्वाइकल की प्रारंभिक जांच कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अब तक इन केंद्रों पर गर्भावस्था एवं प्रसव संबंधी, नवजात एवं शिशु संबंधी, बाल्यकाल एवं किशोरावस्था संबंधी, सामान्य संचारी रोग प्रबंधन, सामान्य बीमारी वाले मरीजों का इलाज, गैर संचारी रोगों की जांच, बचाव, रोकथाम एवं प्रबंधन का कार्य होता था। अब इन सेंटरों पर ही ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को कैंसर की प्रारंभिक जांच के साथ ही 12 प्रकार की जांच की सुविधा मिल सकेगी। अब तक इन मरीजों को जांच व दवा के लिए सीएचसी या फिर जिला अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता था।
हो सकेंगी ये जांचें
इन केंद्रों पर अब हीमाग्लोबिन, गर्भ की जांच, अरबोमिन एवं ग्लूकोज, ब्लड ग्लूकोज, मलेरिया, कालाजार केरैपिड, टीबी बलगम, टीएलसी, डीएससी, पैरीफेरल, स्मेयर, ब्लड ग्रुपिंग, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, रैपिड सिफलिस, टायफाइड व हेपेटाइटिस आदि की जांच की जाएगी।
इन उपकरणों की होगी खरीद
इन सेंटरों पर ग्लूकोमीटर, रैपिड टेस्ट किट, रैपिड डायग्नोस्टिक किट, माइक्रोस्कोप, डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर, सोलर इन्वर्टर विद बैटरी, रेफ्रिजरेटर, बायोमेडिकल वेेस्ट मैनेजमेंट, आलमारी, फर्नीचर, टेबल, ऑफीसर चेयर, मरीज स्टूल, एलईडी, एलसीडी, टूल बार जेल (लैब की सफाई के लिए) समेत सभी आवश्यक उपकरणों की खरीद होनी है। क्रय किए जाने वाले सभी उपकरण आईएसआई मार्का के साथ आईएसओ से प्रमाणित होना अनिवार्य है।
सेंटरवार खर्च निर्धारित
शासन की ओर से निर्णय लेने के बाद मिशन निदेशक कार्यालय की ओर से सेंटरवार खर्च निर्धारित कर दिया गया है। सभी केंद्रों पर जांच उपकरण एवं अन्य आवश्यक सामग्री की खरीद के लिए प्रति सेंटर 80 हजार 950 रुपये तथा जांच सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है। इस हिसाब से जिले के सभी 104 सेंटरों के लिए एक करोड़ 90 लाख 27 हजार रुपये आवंटित हुए हैं।