(मानवीय सोच) : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. इसकी सफल लैंडिंग होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा. अब बस कुछ ही घंटों का वक्त बचा है.इसरो के इस मिशन पर भारत समेत पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों और आम लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं
पूर्णिमा के दिन आपने चंद्रमा को गोल आकार में देखा होगा. मगर असल में चंद्रमा एक उपग्रह के रूप में किसी गेंद की तरह गोल नहीं है. ये अंडाकार है इसी वजह से चांद की तरफ देखते हुए आपको इसका कुछ हिस्सा नजर आता है. चांद का भार भी इसके ज्यामितीय केंद्र से 1.2 मील दूर है
जब भी आप चांद को देखते हैं, तो आपको उसका अधिकतम 59 फीसदी हिस्सा ही दिखता है. इसका 41 फीसदी हिस्सा धरती से नजर नहीं आता.ऐसा कहा जाता है कि अगर आप अंतरिक्ष पर जाकर इसी 41 फीसदी हिस्से पर खड़े हो जाएंगे, तो आपको धरती भी दिखाई नहीं देगी.