पुलिस ने बनभूलपुरा बवाल का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को माना है। इसके विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने, जमीन कब्जाने, लोगों को भड़काने, साजिश रचने समेत कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी की गई है। पुलिस का मानना है कि अब्दुल मलिक ने वर्षों पहले सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से मदरसा व नमाजस्थल बनाया, जिसे तोड़ने के दौरान गुरुवार को बनभूलुपरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उपद्रव किया।
मलिक का बगीचा बनभूलपुरा का चर्चित क्षेत्र है। अब्दुल मलिक ही इसका मालिक बताया जाता है। यहां पर बगीचा तो अब नहीं रहा, लेकिन जमीन पर कब्जा हो गया। नगर निगम ने करीब आठ महीने पहले बनभूलपुरा स्थित मलिक के बगीचे में अतिक्रमण तोड़ा था। इसके बाद दोबारा यहां नहीं गई। अतिक्रमणकारी ने यहां पर दो छोटे-छोटे प्लाट बनाकर बेच दिए। एक मकान तक खड़ा हो गया।
28 दिसंबर को अतिक्रमण की शिकायत किसी ने सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह से की। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने नगर आयुक्त को अवगत कराया। इसके बाद 28 दिसंबर को सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट के नेतृत्व में टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। टीम ने पूर्व में तोड़े गए अतिक्रमण को पूरी तरह से नष्ट कर जमींदोज कर दिया था।
इसके बाद नमाजस्थल व मदरसा को तोड़ने की तैयारी की। इससे पहले कई दौर की बैठकें चलीं और प्लानिंग हुई। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। गुरुवार की शाम को प्रशासन, नगर निगम व पुलिस की टीम मदरसा व नमाजस्थल को तोड़ने के लिए पहुंची थी, तभी पहले महिलाओं ने विरोध किया। इसके बाद चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया था। रात में जगह-जगह आगजनी भी हुई।
गिरफ्तारी के लिए उप्र तक दबिश
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के अनुसार, अब्दुल मलिक ने सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य किया, जिसे तोड़ने के दौरान बवाल हुआ। इसलिए मलिक को मास्टरमाइंड बनाया है। जैसे-जैसे तथ्य सामने आ रहे हैं, उसी आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। मलिक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया है। दो टीमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दबिश दे रही हैं।