बच्चों में कैंसर की बात करें तो सौ में से तीन या पांच प्रतिशत को अलग-अलग प्रकार के कैंसर होते हैं। इसमें सबसे सामान्य प्रकार है रक्त कैंसर व दूसरा ब्रेन ट्यूमर। जागरूकता ही बच्चों में कैंसर से सबसे बड़ा बचाव है। अगर किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत बच्चों के कैंसर विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। वे लक्षण की गंभीरता को सटीक तरीके से बता सकते हैं।
अभी साफ नहीं हैं कारण
बच्चों में कैंसर होने की वजह अभी साफ नहीं है। इसे चिकित्सकीय भाषा में एथियोपैथिक कहा जाता है। वहीं वयस्कों में जो कैंसर के मामले देखे जाते हैं, उनके ठोस कारण होते हैं। जैसे, फेफड़े का कैंसर है तो माना जाता है कि इसका कारण अत्यधिक तंबाकू या अल्कोहल का सेवन हो सकता है। जीवनशैली से भी बच्चों के कैंसर का सीधा संबंध नहीं है। बच्चों में कैंसर का एक कारण आनुवंशिक हो सकता है, पर यह भी बहुत दुर्लभ है।
- इन लक्षणों को न करें अनदेखा
- अचानक वजन में कमी आने लगे
- सुबह के समय सिर दर्द या मिचली आना
- बार-बार दौरे पड़ना
- हड्डियों, जोड़ों, पीठ या पैरों में निरंतर सूजन या दर्द रहना।
- बार-बार बुखार आना
- रक्तस्राव (अक्सर अचानक)
- त्वचा पर गहरे लाल धब्बे होना आदि।