देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोटा में प्रतिवर्ष करीब दो लाख से अधिक छात्र-छात्राएं मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचते हैं। इनमें से कुछ सफल हो जाते हैं,लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो यह दबाव नहीं झेल पाते और अपने जीवन को समाप्त कर लेते हैं।
आत्महत्या के आंकड़ो से प्रशासन परेशान
स्टूडेंट्स पर कोचिंग संस्थानों से होने वाला दबाव भारी पड़ता है, क्योंकि प्रत्येक छात्र-छात्राएं मानसिक तौर पर मजबूत हो ये जरूरी नहीं है। कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के आंकड़ो ने प्रशासन को हिला दिया है।
इस वजह से उठा रहे आत्महत्या जैसा कदम
सुबह छह बजे से लेकर देर शाम तक कोचिंग संस्थानों क्लास, फिर रात को खुद की पढ़ाई, सप्ताह में एक से दो बार टेस्ट, अभिभावकों की उम्मीदों और साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा के दबाव के कारण छात्र-छात्राएं आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे है।
पिछले साल 29 स्टूडेंट्स ने की आत्महत्या
इस साल में चार महीनों में अब तक पांच छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। तीन दिन में दो छात्रों ने आत्महत्या की है। पिछले साल 29 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की थी। वहीं तीन छात्र-छात्राएं लापता हुए हैं। जिनमें से एक मृत अवस्था में मिला, एक को स्वजनों एवं पुलिस ने मिलकर तलाशा और एक छात्रा अभी पिछले नौ दिन से लापता है।
प्रत्येक दस में से चार डिप्रेशन का शिकार
छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों से ऐसा लगता है कि कोटा आत्महत्या की फैक्ट्री बन गया है। एक जानकारी के अनुसार, कोटा में प्रत्येक दस में से चार छात्र-छात्राएं डिप्रेशन का शिकार है। कोटा में करीब तीन हजार निजी हास्टल हैं, जिनमें 245 हजार कमरे हैं। एक आकलन के अनुसार, कोटा का कोचिंग उधोग पांच हजार करोड़ का है।
धौलपुर के छात्र ने आत्महत्या की
मंगलवार को कोटा में नीट की तैयारी कर रहे राजस्थान में धौलपुर निवासी (20 साल) भरत राजपूत ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महया की है। भरत अपने भांजे रोहित के साथ एक पीजी में रहता था। दोनों नीट की तैयारी के लिए एक कोचिंग संस्थान में तैयारी कर रहे थे। मंगलवार सुबह भांजा कटिंग करवाने के लिए बाजार गया हुआ था। वह करीब 11 बजे वापस लौटा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। भांजे ने भरत को आवाज दी, अंदर से कोई जवाब नहीं मिला तो उसने पीजी के मालिक को सूचना दी। कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो भरत अंदर पंखे से लटाक हुआ था। उसने चद्दर से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या की थी।
दो साल पहले कोटा आया था भरत…
भरत दो साल से कोटा में पढ़ाई कर रहा था। पिछली बार वह नीट की परीक्षा में पास नहीं हो सका, अब उसे एक बार फिर परीक्षा देनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली। कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें भरत ने लिखा है, सॉरी पापा, इस बार भी मेरा चयन नहीं हो सकेगा। पुलिस का मानना है कि भरत ने पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या की है। नीट की पांच मई को परीक्षा है। इससे पहले रविवार रात को हरियाणा के एक छात्र ने आत्महत्या की थी।
शिक्षामंत्री बोले, एक पक्ष को दोषी ठहराना उचित नहीं
राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले में एक पक्ष कोचिंग संस्थानों को दोषी ठहराना उचित नहीं है। ऐसा नहीं है कि हर मामले में कोचिंग संस्थान ही दोषी है। कई बार छात्र-छात्राओं की गलत संगत, प्यार में विफल होना भी कारण हो सकता है। माता-पिता भी बच्चें की पढ़ने की क्षमता से अधिक अपेक्षा करते हैं। उसके कारण बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है। कई बार आत्महत्या करने से पहले बच्चे सुसाइड नोट लिखते हैं कि मम्मी-पापा मैं आपकी इच्छा को पूरा नहीं कर सका। जो आपने लक्ष्य दिया, उसे पूरा नहीं कर सका, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।