भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि न्यायाधीश न तो राजकुमार हैं और न ही शासक, बल्कि सेवा प्रदाता और अधिकार दिलाने वाले समाज के प्रवर्तक हैं. ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में J-20 शिखर सम्मेलन (सुप्रीम कोर्ट और G20 सदस्यों के संवैधानिक न्यायालयों के प्रमुखों के) के दौरान उन्होंने ये बात कही. उन्होंने कहा, ‘उनका (न्यायाधीश) निर्णय और उस तक पहुंचने का रास्ता पारदर्शी होना चाहिए, कानूनी शिक्षा वाले या उसके बिना सभी के लिए समझने योग्य होना चाहिए और इतना व्यापक होना चाहिए कि हर कोई उनके साथ चल सके.’ उन्होंने कहा कि न्यायिक निर्णय लेने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) भी पारदर्शी होनी चाहिए और इसके परिणामों के कारण बताए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अब हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस निर्णय-निर्माण तंत्र की व्याख्या के बारे में बातचीत कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि AI अब अंधेरे में निर्णय नहीं ले सकता है और इस बात का स्पष्टीकरण होना चाहिए कि उसने इस तरह से निर्णय क्यों लिया.’
