रक्षा मंत्री, भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह जी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज डॉ0 के0एन0एस0 मेमोरियल हॉस्पिटल (पूर्व में मेयो मेडिकल सेण्टर) की स्थापना के रजत जयन्ती समारोह में सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री, भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह जी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने डॉ0 के0एन0 सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं हॉस्पिटल की उत्कृष्ट चिकित्सक डॉ0 देविका नाग को सम्मानित किया। उन्होंने हॉस्पिटल की 25 वर्षों की यात्रा पर आधारित पिक्चर गैलरी का अवलोकन किया तथा शिलापट्ट का अनावरण किया।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि 25 वर्ष पूर्व 12 मई, 2000 को उनके द्वारा ही इस अस्पताल का उद्घाटन किया गया था। डॉ0 के0एन0 सिंह के पास एक विजन और सपना था। आज उनका सपना हकीकत बन चुका है। डॉ0 के0एन0 सिंह अमेरिका में एक स्थापित डॉक्टर थे। लेकिन वह सब कुछ छोड़कर भारत आए और सेवा का रास्ता चुना। डॉ0 के0एन0 सिंह अक्सर लखनऊ के आसपास के गांवों में जाते थे। वहां निःशुल्क कैम्प लगाकर जरूरतमंदों को अपनी सेवाएं प्रदान करते थे। जनपद अम्बेडकरनगर में उनके पैतृक गांव के निकट उनके द्वारा स्थापित चिकित्सालय आज भी लोगों की सेवा कर रहा है। यह अस्पताल लखनऊवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस अस्पताल ने अनेक लोगों की जिंदगी बचायी है। डॉ0 के0एन0 सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल का यह सिल्वर जुबिली समारोह इस संस्थान की यात्रा का उत्सव ही नहीं है, बल्कि समर्पण, सेवा और संकल्प के 25 वर्षों की कहानी भी है।

हमारे यहां हमेशा से आरोग्य एवं स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन बसता है। लोग जितने स्वस्थ होंगे, देश की प्रगति के लिए उतनी ही ऊर्जा व सक्रियता के साथ काम करने में सक्षम होंगे। हमारे प्राचीन ग्रंथों से लेकर आधुनिक दार्शनिक विचारों तक अच्छे स्वास्थ्य को बहुत महत्व दिया गया है। हमारे यहां अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी सम्पत्ति मानी गयी है। विगत 25 वर्षों से इस अस्पताल ने लोगों का इलाज करते हुए उनका भरोसा भी जीता है। इसने लोगों में उम्मीदें भी जगायी हैं।
आज लोग विभिन्न प्रकार की लाइफ स्टाइल डिजीज से जूझ रहे हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में हो रहे बदलाव से हमें कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। आंकड़ों के अनुसार आज भारत में लगभग 10 करोड़ से अधिक डायबिटीज के रोगी हैं। 14 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज की अवस्था में हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि समय से पहचान और स्वस्थ जीवनशैली से यह मरीज नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं। इसलिए हमें अपनी जीवनशैली को संयमित करने की आवश्यकता समझने की जरूरत है। ऐसी अनेक बीमारियां हैं, जिनसे हम बैलेंस लाइफ स्टाइल सुनिश्चित करके लड़ सकते हैं। इस लाइफ स्टाइल के बारे में सर्वाधिक जागरूकता डॉक्टर ही पैदा कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री जी ने कहा कि हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान के रूप में देखा जाता है। डॉक्टर ही असली नायक है। डॉक्टर में ही जीवन को बचाने की शक्ति एवं योग्यता दोनों होती है। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही थी, तब डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात मरीजों की देखभाल कर रहे थे। उस समय डॉक्टरों, नर्सों व मेडिकल क्षेत्र के अन्य लोगों ने सर्वोच्च मानवीय मूल्यों को दर्शाया था। इसके लिए पूरा देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।