गोरखपुर: सरयू में पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा और गहराया

गोरखपुर  (मानवीय सोच) सरयू नदी में लखीमपुर खीरी स्थित गिरजा बैराज से 7.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से जिले में बाढ़ के हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। अब सरयू का जलस्तर तेजी बढ़ेगा, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं, बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की टीमें लगाई गई हैं। राहत-बचाव कार्य को भी तेज किया गया है। फिलहाल, जिले के 88 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सात तहसीलों की 21,832 से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

जानकारी के मुताबिक, सरयू नदी अयोध्या से लेकर देवरिया के बरहज तक खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। थोड़ी राहत की बात यह है कि राप्ती नदी का जलस्तर बलरामपुर में घटने लगा है। सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि यदि नेपाल में भारी बारिश नहीं हुई तो दो दिन में राप्ती नदी का जलस्तर नीचे आने लगेगा। फिलहाल, राप्ती नदी गोरखपुर में खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

उधर, सरयू नदी अयोध्या में खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। देवरिया के बरहज में खतरे के निशान से 1.35 मीटर ऊपर है। राप्ती और सरयू नदी का संगम बरहज में होता है। इस नाते जलस्तर अधिक रहता है। सोमवार शाम रोहिन नदी खतरे के निशान से 1.13 मीटर ऊपर बह रही थी। कुआनो नदी चंद्रदीप घाट पर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गोर्रा नदी ने भी सोमवार की शाम खतरे के निशान को छू लिया है।

शहर के बंधों पर भी बढ़ा दबाव
राप्ती नदी के उफनाने से शहर के बंधों पर भी दबाव बढ़ गया है। शहर क्षेत्र में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। ग्रीन सिटी क्षेत्र से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंपिंग सेट लगा है, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा है। अब गोरखनाथ क्षेत्र से आने वाला पानी नहीं निकल पाएगा। सब ग्रीन सिटी क्षेत्र में जमा होगा। घर, स्कूल व कॉलेज में पानी घुस जाएगा।

जिले से होकर बहने वाली पांच नदियां खतरे के निशान से ऊपर
गोरखपुर से होकर छह नदियां बहती हैं, इनमें से पांच खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राप्ती, रोहिन, सरयू और कुआनो खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सोमवार को अपराह्न चार बजे तक गोर्रा नदी ने भी खतरे के निशान को छू लिया। देर रात तक इसका जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया। आमी नदी भी उफनाई है। हालांकि, आमी नदी का जलस्तर नहीं मापा जाता है।

कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कटा
राप्ती, रोहिन, सरयू, कुआनो और गोर्रा नदी से जुड़े कई गांव हैं, जिनका संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। ऐसे गांवों में लोगों की मदद के लिए करीब 67 नावें लगाई गई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। करीब 2849 हेक्टेयर फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है।

बाढ़ के पानी से घिरा प्राथमिक विद्यालय
सदर तहसील के कुछ गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बहरामपुर प्राथमिक विद्यालय बाढ़ के पानी से घिर गया है। लिहाजा, मंगलवार से कक्षाएं नहीं चल पाएंगी। प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई दूसरी जगह कराई जाएगी।  

तटबंधों पर दबाव बढ़ा, जिम्मेदार मुस्तैद
नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंधों पर दबाव बढ़ने लगा है। एक तरफ सिंचाई विभाग मुस्तैदी से तटबंधों की निगरानी कर रहा है, वहीं प्रशासन की टीम भी जुटी है। पुलिस के जवान लगातार बंधों पर गश्त कर रहे हैं। एसडीएम को निगरानी के लिए लगाया गया है। मंडल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रमुख अभियंता एनसी उपाध्याय दो दिन पर डेरा डाले हैं।

पूरा अमला बंधों पर डटा हुआ है। कहीं किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। तटबंधों और बचाव कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है। -दिनेश सिंह, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग

नदी-स्थान   जलस्तर खतरे का निशान
घाघरा नदी अयोध्या 93.240 92.730
घाघरा नदी बरहज 67.850 66.500
राप्ती नदी बर्डघाट 75.470 74.980
रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट 83.570 82.440
गोर्रा नदी पिडरा घाट 70.500 70.500
कुआनो नदी चंद्रदीप घाट 89.410 88.840

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