नई दिल्ली: (मानवीय सोच) देश में पहली बार संविधान पीठ के सामने पेपरलेस तरीके से सुनवाई होगी. दिल्ली सरकार Vs LG मामले की सुनवाई भी पेपरलेस तरीके से होगी. पहली बार, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ पारंपरिक भारी दस्तावेजों के बिना किसी केस की सुनवाई करेगी. संविधान पीठ याचिकाओं और दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी का उपयोग करके मामले की सुनवाई होगी.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई ग्रीन बेंच की तरह होगी. कोई भी फाइलें या पेपर ना लाएं. इस संबंध में वकीलों को रजिस्ट्री दो दिन की ट्रेनिंग भी देगी. अदालतों की कार्यप्रणाली को कागजरहित बनाने की दिशा में पेपरलेस सुनवाई को बड़ा कदम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे पूर्ण पारदर्शिता भी बनी रहेगी. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की भारी बचत भी होगी
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट सहित बहुत सी अदालतों में ई-फाइलिंग की सुविधा पहले से ही मौजूद है. कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कई अङम मामलों की सुनवाई के लिए वर्चुअली कोर्ट का सहारा लिया और विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई भी की. देश की अधिकतर निचली अदालतों में भी लॉकडाउन के समय आनलाइन सुनवाई कर कई मामलों को निपटाया गया.