भारत सरकार द्वारा संपत्ति से जुड़ी पारदर्शिता और नियंत्रण को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक नई पहल के बारे में है। इसके अनुसार, अब वक्फ संपत्ति पर किसी और के द्वारा अवैध कब्जा करना नामुमकिन हो जाएगा। इसका मुख्य कारण है “उम्मीद पोर्टल” की शुरुआत, संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के लिए बनाया गया है।
भारत सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है जिसके तहत अब किसी भी व्यक्ति की संपत्ति, चाहे वह खुद मौजूद हो या ना हो, उस पर किसी और के द्वारा कब्जा करना या उसका गलत उपयोग करना बेहद कठिन हो जाएगा।
क्या है “उम्मीद पोर्टल”?
उम्मीद पोर्टल (UMEED PORTAL) एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जहां प्रत्येक संपत्ति की जानकारी जैसे मालिक का नाम, स्थान, क्षेत्रफल, प्रकार, कानूनी दस्तावेज आदि विवरण दर्ज किया जाएगा।
इसके मुख्य फ़ायदे:
- संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड:
हर संपत्ति का पूरा विवरण डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा। - अवैध कब्जों पर रोक:
किसी भी तीसरे व्यक्ति द्वारा संपत्ति पर दावा करने से पहले उसका डेटा पोर्टल पर देखा जा सकेगा। - पारदर्शिता:
संपत्ति लेन-देन और मालिकाना हक से जुड़ी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। - विवादों में कमी:
संपत्ति से जुड़ी धोखाधड़ी और विवादों में भारी कमी आने की उम्मीद है। - प्रवासी भारतीयों के लिए फायदेमंद:
जो लोग विदेश में रहते हैं, वे अपनी संपत्ति की निगरानी ऑनलाइन कर सकेंगे।
लागू कब और कहां से होगा?
यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ राज्यों में शुरू की गई है, लेकिन आने वाले महीनों में इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।
भारत सरकार ने वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025 को अधिसूचित किया है सभी वक्फ संपत्तियों, प्रबंधक, लेखा विवरण और अतिक्रमण की जानकारी को 6 महीने में पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। डेटा अपलोड में देरी पर दंड और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर।