राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले ही पूरा देश राममय हो चुका है। सभी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे हैं। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य यजमान होंगे। 22 जनवरी को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पीएम मोदी के लिए काफी खास है।
राम मंदिर से पीएम मोदी का एक खास जुड़ाव है। पीएम मोदी ने राम मंदिर आंदोलन में भी अहम योगदान दिया था। यही कारण है कि पीएम ने खुद मंदिर के निर्माण के साथ-साथ अयोध्या के विकास तक की रूपरेखा लिखी है।
मूर्ति को सूर्य की किरणों से सजाने का दिया सुझाव
भगवान राम के माथे को सूर्य की किरणों से सजाने का सुझाव दिया था, क्योंकि वो सूर्यवंशी हैं। पीएम का मानना है कि इससे एक सुंदर दृश्य बनेगा, जिसका आनंद इस वर्ष राम नवमी पर लिया जा सकता है।
अयोध्या के विकास पर भी दिया सुझाव
पीएम ने मंदिर के निर्माण के साथ अयोध्या का किस तरीके से विकास किया जाए, इस पर भी जोर दिया। मोदी ने शहर का गुणवत्तापूर्ण, संवेदनशीलता और भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ विकास करने का सुझाव दिया।
कोरोना काल में भी नहीं हटा फोकस
जब कोरोना महामारी भी देश पर हावी थी, तब भी पीएम ने राम मंदिर और अयोध्या से अपना फोकस हटने नहीं दिया। पीएम ने उस दौरान अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण, अयोध्या रेलवे स्टेशन के उन्नयन के साथ राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने की बात कही।
राम मंदिर ही नहीं शहर को भी आकर्षक बनाएं
पीएम मोदी ने मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों से कई बार बैठकें भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग आस्था के लिए राम मंदिर आ सकते हैं, लेकिन वो लंबे समय तक रहेंगे इसकी गारंटी नहीं होगी। इसके लिए पीएम ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जो भी पर्यटक यहां आएं वो शहर की विविध आकर्षक चीजों को भी जानना चाहें और कुछ दिनों तक रुकें।