नई दिल्ली: (मानवीय सोच) जम्मू-कश्मीर की यूनिक फैमिली आईडी को लेकर महबूबा मुफ्ती ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. महबूब मुफ्ती ने ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में सभी परिवारों का एक प्रमाणिक और सत्यापित डेटाबेस बनाने की प्रस्तावित योजना के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए ‘एक यूनिक परिवार आईडी’ बनाना 2019 के बाद से घटते विश्वास का प्रतीक है.’
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में आरोप लगाया कि कश्मीरियों को गहरे संदेह के साथ देखा जाता है. यह उनके जीवन पर लोहे की पकड़ को मजबूत करने के लिए एक और निगरानी रणनीति है. आपको बता दें कि यूनिक फैमिली आईडी आवंटित करने की प्रस्तावित नीति का जहां भाजपा ने स्वागत किया वहीं अन्य विपक्षी दलों ने इसको लेकर चिंता जताई. नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं. पीडीपी ने सवाल उठाया कि सरकार इस डेटाबेस के जरिए किसकी पहचान करना चाहती है.
क्या है ‘यूनिक फैमिली आईडी’
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन, केंद्र शासित प्रदेश में सभी परिवारों का एक प्रामाणिक ‘डेटाबेस’ बनाने की योजना बना रहा है. इसमें शामिल किये गये प्रत्येक परिवार का एक अनूठा ‘कोड’ होगा और इस कदम का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक योजनाओं के पात्र लाभार्थियों के चयन को आसान बनाना है. प्रत्येक परिवार को एक अनूठा कोड प्रदान किया जाएगा जिसे ‘जेके फैमिली आईडी’ कहा जाएगा. कोड में अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर और अंक संख्या होगी. परिवार डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी का उपयोग सामाजिक लाभों के लिए लाभाथिर्यों का चयन स्वचालित चयन करने में किया जाएगा.’
एक बार ‘जेके फैमिली आईडी’ डेटाबेस की जानकारी प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, किसी लाभार्थी को सेवा का लाभ उठाने के लिए कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी. विपक्षी दलों ने यूनिक फैमिली आईडी को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.