मौनी अमावस्या

इस मौनी अमावस्या पर बन रहे हैं ये शुभ योग

इस वर्ष 9 फरवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में साधक आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करेंगे। साथ ही पूजा समापन के पश्चात दान-पुण्य करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सकल मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या के दिन मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही वरीयान योग का भी अद्भुत संयोग बनेगा।

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो माघ अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से दिन की गणना की जाती है। अतः 09 फरवरी को मौनी अमावस्या है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

मौनी अमावस्या पर मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शुरू हो रहा है, जो देर रात 11 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से वरीयान योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव मां गौरी के साथ रहेंगे।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 06 मिनट पर

चंद्रास्त- संध्याकाल 05 बजकर 27 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 10 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल – दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 53 मिनट से 11 बजकर 12 बजे तक

दिशा शूल – पश्चिम

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती