हिरासत में महिला की मौत से क्यों जल रहा ईरान?

तेहरान  (मानवीय सोच)  ईरान की सदाचार पुलिस के हाथों कथित तौर पर महिला की मौत से बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ईरान को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करा पड़ रहा है। इस घटना को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं और राजधानी तेहरान तक में प्रदर्शनकारियों की ईरान के सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुई हैं। विरोध प्रदर्शनों को बढ़ता देख ईरान ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा कई जगहों पर इंटरनेट एक्सेस भी बैन कर दिया है। 

करीब एक सप्ताह से जारी विरोध के दौरान आधिकारिक हताहतों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। ईरानी समाचार एजेंसी के मुताबिक, “अधिकारियों द्वारा लिए गए एक फैसले अनुसार, ईरान में (बुधवार) शाम से इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करना संभव नहीं है और व्हाट्सएप एक्सेस भी बाधित रहेगा।”
 
बता दें कि ईरान ने हाल के वर्षों में फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक सहित कई अन्य प्लेटफार्मों को ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद से ईरान में इन्हीं दो ऐप का सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा था। ईरान में इंटरनेट पर सरकार का कड़ा पहरा रहता है। केवल वीपीएन का इस्तेमाल करने वाले लोग ही विदेशी वेबसाइटों को बिना किसी सेंसर के एक्सेस कर सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने महिला की मौत से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। ईरान ने आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया। संयुक्त राष्ट्र निकाय ने कहा कि ईरान की सदाचार पुलिस ने हाल के महीनों में गश्त में बढ़ोतरी की है जिसमें महिलाओं को हिजाब नहीं पहनने पर निशाना बनाया जा रहा है। निकाय ने कहा कि वह उस वीडियो को सत्यापित करेगा जिसमें ठीक से हिजाब नहीं पहनने पर महिला को थप्पड़ मारते, डंडे से पीटते और पुलिस वैन में जबरन धकेलने की घटना दिख रही है।

गौरतलब है कि गत मंगलवार को इसी तरह की गश्त के दौरान सदाचार पुलिस, 22 वर्षीय महसा अमीनी को पुलिस थाने ले गई थी जहां वह बेहोश हो गई और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। ईरान की पुलिस ने अमीनी से दुर्व्यवहार करने से इनकार करते हुए कहा कि उसकी मौत हृदय गति रुकने से हुई है। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की कार्यवाहक उच्चायुक्त नदा अल नशिफ ने कहा, ‘‘महसा अमीनी की दर्दनाक मौत और उसको यातना देने एवं दुर्व्यवहार करने के आरोपों की निष्पक्ष एवं प्रभावी जांच स्वतंत्र प्राधिकार से कराया जाना चाहिए।’’ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमीनी को ‘‘आज जिंदा होना चाहिए था।’’

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