नयी दिल्ली (मानविया सोच): राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार भारत के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी। पिछले वित्त वर्ष में कोरोना के चलते जीडीपी 7.3 प्रतिशत संकुचन हुआ था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बार वृद्धि 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
एनएसओ की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक वर्ष 2021-22 में वास्तविक या स्थिर कीमत (2011-12 के कीमत स्तर) पर 147.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि अनंतिम अनुमान के अनुसार 2020-21 का जीडीपी 135.13 लाख करोड़ रुपये था जो 31 मई 2021 को जारी किया गया था। बयान के मुताबिक इस तरह पिछले वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत संकुचन की तुलना में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
एनएसओ के अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्तमान कीमत पर 2021-22 का जीडीपी 232.15 लाख करोड़ रुपये रहेगा। 2020-21 में वर्तमान कीमत पर जीडीपी सालाना आधार पर घट कर 197.46 लाख करोड़ रुपये रह गया था।
वर्तमान कीमतों पर वर्ष 2021-22 की जीडीपी वृद्धि दर 17.6 प्रतिशत रहेगी।
सीएसओ के अनुसार चालू कीमत पर देश का सकल मूल्य वर्ष जीएवी 210.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2020-21 में 179.15 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह जीएवी में वृद्धि 17.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जीडीपी में सब्सिडी को जोड़ने और करों को घटाने से जीवीए प्राप्त होता है। चालू वित्त वर्ष के जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान 28 फरवरी को जारी किया जाएगा।