उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है, तो इसका भी समाधान निकालिए.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोग के प्रवक्ता ने इस बारे में जवाब दिए हैं परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा जताए जा रहे असंतोष पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आयोग की परीक्षाओं की सत्यवादिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है. पहले दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आई हैं,
जिससे योग्य छात्रों का भविष्य अनिश्चित बन जाता है. इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है. आयोग के प्रवक्ता ने जारी बयान में बताया कि परीक्षा आयोजन के संबंध में purity, quality सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बस अड्डा/रेलवे स्टेशन की 10 किलोमीटर की परिधि में ऐसे राजकीय एवं वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाओं को ही परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है जो पूर्व में संदिग्ध और विवादित या काली सूची में न हों. अभ्यर्थियों की मांग पर ही परीक्षा की purity and quality सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है.