लखनऊ (मानवीय सोच) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीएसपी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में पार्टी को एकमात्र सफलता बलिया जिले की रसड़ा सीट पर मिल पाई है। यहां से उमाशंकर सिंह लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। अपने इलाके में उमाशंकर सिंह की छवि गरीबों के मददगार की है।
इस चुनाव में बीएसपी अपने गठन के बाद के 38 सालों के सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है। शुक्रवार को इस पर पहली प्रतिक्रिया में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा भी कि इससे बुरा और क्या हो सकता है? लेकिन पार्टी के लिए इस सर्वाधिक बुरे दौर में भी उमाशंकर सिंह विधानसभा में उसकी आवाज बनेंगे। वहां वही बसपा के प्रतिनिधि होंगे। उमाशंकर सिंह ने 87,887 वोट पाकर रसड़ा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के महेन्द्र को 6,583 वोटों के अंतर से हराया है। महेन्द्र को 81,304 वोट मिले। इस सीट पर उमाशंकर सिंह की यह लगातार तीसरी जीत है।
गरीबों के मददगार माने जाते हैं उमाशंकर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने इलाके में उमाशंकर सिंह की छवि गरीबों के मददगार की है। बताया जाता है कि उमाशंकर बेटी की शादी से लेकर बच्चे की पढ़ाई तक गरीबों की काफी मदद करते हैं। लगातार तीसरी बार जीत में शायद उनकी इसी छवि का योगदान है।
पहली बार 2012 में लड़े थे चुनाव
बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर पहले ठेकेदारी करते थे। उन्होंने साल-2012 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 2017 में भी उन्होंने जीत हासिल की और इस बार जीत की हैट्रिक लगाकर बसपा का खाता खोलने में कामयाब रहे। जीत हासिल करने के बाद उमाशंकर सिंह ने अपने क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि यह सही मायनों में जनता की जीत है।