बिहार से लगातार अलग-अलग पुल गिरने की खबरें सामने आ रही हैं. सीवान में दो पुल गिरे हैं, वहीं मुजफ्फरपुर में एक पुल पानी में बह गया है. इससे पहले भी सीवान में एक पुल गिरने की घटना सामने आई थी. अब इन मामलों को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में अधिकारियों को सर्वे के आदेश दिए गए. वहीं, विपक्ष ने पुल ढहने की घटनाओं पर सरकार को घेरना तेज कर दिया है. बिहार में हाल के हफ्तों में पुल ढहने की घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. अधिकारियों को राज्य के सभी पुराने पुलों का तुरंत सर्वे करने और उन पुलों की पहचान करने का निर्देश दिया, जिनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नीतीश कुमार ने विभाग प्रमुखों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. बैठक में मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग (RCD) और ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) को राज्य भर में संरचनाओं का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया बैठक में बिहार के मुख्य सचिव ब्रिजेश मेहरोत्रा, आरसीडी और आरडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. पिछले 15 दिनों में, बिहार में कम से कम 9 पुल ढह गए हैं, आखिरी घटना सारण और सीवान जिलों में हुई जहां बुधवार को तीन पुल ढह गए इस बीच, आरजेडी (RJD) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण पुल टूट रहे हैं. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘आज सुबह 4 जुलाई को बिहार में एक और पुल ढह गया. अकेले 4 जुलाई को पांच पुल गिरे, 18 जून से अब तक 12 पुल ढह चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से चुप हैं और वे इन उपलब्धियों के बारे में अवाक हैं. वे सोच रहे हैं कि इस भ्रष्टाचार को ‘जंगल राज’ में कैसे बदला जाए?’