जलवायु परिवर्तन खेतीबाड़ी के लिहाज से यही भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत के लिए तो और भी। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में से एक है। यह संकट तब और बड़ा हो जाता है जब यही रिपोर्ट यह कहती है कि दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार इंडो गंगेटिक बेल्ट पर जलवायु परिवर्तन का व्यापक स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। फिलहाल इस बेल्ट में अभी दुनिया का करीब 15 फीसद गेहूं पैदा होता है। वर्ष 2050 तक जलवायु परिवर्तन के कारण इसमें 50 फीसद तक कमी संभव है।स्वाभाविक है कि उत्तर प्रदेश में बिजनौर से बलिया तक गंगा के विस्तार को देखते हुए उत्तर प्रदेश भी जलवायु परिवर्तन से इंडो गंगेटिक बेल्ट के प्रदेश में विस्तार के अनुसार प्रभावित होगा। चूंकि उत्तर प्रदेश दूध समेत खाद्यान्न, साग भाजी और कई फलों के उत्पादन में देश में अग्रणी है लिहाजा इस जलवायु परिवर्तन का असर सिर्फ उत्तर प्रदेश पर ही नहीं पूरे देश के खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा पर पड़ेगा।
