मुंबई (मानवीय सोच) ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को लेकर बड़ा अपडेट आया है और उनके खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित होता हो कि को किसी बड़ी ड्रग्स साजिश या अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे. बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को क्रूज पर चल रही ड्रग्स पार्टी के मामले में एनसीबी (NCB) ने छापेमारी के बाद आर्यन खान को गिरफ्तार किया. करीब 28 दिनों तक जेल में रहने के बाद आर्यन को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिली थी.
छापेमारी में थीं कई अनियमितताएं
ड्रग्स केस से जुड़े लोगों ने नाम न बताने की शर्त कहा कि क्रूज पर चल रही ड्रग्स पार्टी के दौरान छापेमारी में कई अनियमितताएं थीं, जिस दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की एक टीम ने आर्यन खान (Aryan Khan) को गिरफ्तार किया था.
आर्यन खान के पास नहीं था ड्रग्स
विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी जांच के कुछ निष्कर्ष साझा किए हैं, जो एनसीबी मुंबई के आरोपों के विपरीत है. जांच में पाया गया है कि आर्यन खान के पास कभी भी ड्रग्स नहीं था, इसलिए उनका फोन लेने और उनकी चैट की जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. एसआईटी ने कहा है कि चैट से यह पता नहीं चलता कि आर्यन खान किसी अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा थे. इसके अलावा छापे की वीडियो-रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी, जैसा कि एनसीबी मैनुअल द्वारा अनिवार्य किया गया था.
अभी पूरी नहीं हुई है एसआईटी की जांच
हालांकि अभी सारी चीजों को सुनिश्चित करने के लिए एसआईटी (SIT) की जांच पूरी नहीं हुई है और एनसीबी के महानिदेशक एसएन प्रधान को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने में कुछ महीने लग सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि अंतिम निर्णय से पहले एक कानूनी राय ली जाएगी, जिसमें इस पहलू पर गौर किया जाएगा कि क्या आर्यन खान (Aryan Khan) पर ड्रग्स लेने के लिए आरोप लगाया जा सकता है, भले ही वह कोई ड्रग्स नहीं ले रहा हो.
समीर वानखेड़े की कार्यशैली पर उठे सवाल
विशेष जांच दल (SIT) की जांच टीम का कहना है कि ड्रग्स पार्टी के दौरान की गई छापेमारी में कई अनियमितताएं बरती गईं. एनसीबी मैनुअल के अनुसार छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, लेकिन ड्रग्स केस में छापेमारी के दौरान ऐसा नहीं किया गया. एसआईटी जांच की तर्कों से छापेमारी और एजेंसी के मुंबई क्षेत्रीय इकाई के पूर्व निदेशक समीर वानखेडे की कार्यशेली पर सवाल उठ रहा है. समीर वानखेड़े को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है और मामले की जांच के लिए एसआईटी और एजेंसी की सतर्कता टीम दोनों द्वारा कई बार पूछताछ की जा चुकी है.