दलित महिला को मंदिर में घुसने से रोकने पर हुई थी गिरफ्तारी

भोपाल  (मानवीय सोच)  स्थानीय लोगों ने बताया कि खरगोन जिले में एक मार्च को एक 31 वर्षीय दलित महिला को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक पुजारी का जमानत पर रिहा होने के बाद ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। खरगोन के टेमला गांव के निवासी बड़ी संख्या में मंदिर में एकत्र हुए और शंकर पुजारी के स्वागत के लिए ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाते हुए जुलूस निकाला।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें महिलाएं पुजारी के पैर छूती नजर आ रही हैं और वह लोगों की तरफ हाथ हिला रहा है।

पुलिस ने शंकर पुजारी और दो महिलाओं को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। दलित महिला पूजा खांडे को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और एससी / एसटी (अत्याचार की रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धारा के तहत मामला दर्ज किया था।

इसके बाद पुजारी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुजारी जब रविवार को गांव पहुंचा तो स्वागत के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए।

वहीं पूजा ने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया। हालांकि, पूजा के रिश्तेदार राकेश खांडे ने कहा, ‘घटना के बाद पूजा और उनके परिवार पर मामला दबाने का बहुत दबाव डाला गया लेकिन उन्होंने हिम्मत जुटाई और मामले की सूचना दी लेकिन इस गर्मजोशी भरे स्वागत ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई।”

इस मुद्दे को उठाने वाले जय आदिवासी युवा संगठन (JAYS) के संयोजक डॉ आनंद राय ने कहा, “पुजारी का स्वागत करके और गाँव में शोर मचाकर, गाँव के बाहुबली यह संदेश देना चाहते थे कि कुछ भी बदलने वाला नहीं है। उन्हें कोई मलाल नहीं है। गांव में अनुसूचित जाति समुदाय के लोग उनसे डरते हैं।”

एक दलित अधिकार कार्यकर्ता मनोज परमार ने कहा, “हम लंबे समय से अत्याचार और अपमान का सामना कर रहे हैं। जब हम अपने अधिकारों के बारे में बात करते हैं, तो हमें प्रशासन और उच्च जाति समुदाय दोनों द्वारा परेशान किया जाता। पूजा, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रही थी और घटना के पहले दिन मुखर थी, अब डर के मारे बात करने के लिए तैयार नहीं है। ”

इस बीच जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने स्थानीय थाने से पुजारी के स्वागत के मामले में पूछताछ करने को कहा। उन्होंने कहा, “हमने गांव में खांडे के घर के पास 12 पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। शिकायतकर्ता किसी भय में नहीं है। मैंने स्थानीय थाना प्रभारी को पुजारी के स्वागत के बारे में पूछताछ करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने किसी भेदभावपूर्ण शब्दों और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है या नहीं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”

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