BJP की सियासत में ‘बंटेंगे तो कंटेंगे’ का स्लोगन होर्डिंग पर आ गया है। आगरा में ऐसे होर्डिंग दिखने लगे हैं। दिवाली की शुभकामनाओं के बहाने BJP ज्यादा से ज्यादा लोगों तक संदेश पहुंचा रही है। 5 दिन में 50 से ज्यादा जगहों पर ऐसे होर्डिंग लगाने की तैयारी आगरा के जयपुर हाउस में पहला होर्डिंग लगाया गया है। इसमें एक तरफ योगी का चेहरा है। दूसरी ओर दिवाली की शुभकामनाओं के साथ नीचे रामसिया विकास गुप्ता लिखा हुआ है। होर्डिंग लगाने वाले रामसिया गुप्ता कौन हैं? उनसे मुलाकात होने पर दैनिक भास्कर ने 3 सवाल पूछे… सवाल : क्या आप BJP पार्टी या संगठन से हैं? जवाब : मैं BJP का सदस्य हूं। मेरे पास संगठन में कोई पद नहीं है।
मगर उससे पहले मैं एक सामान्य नागरिक हूं। सवाल : ये होर्डिंग क्यों लगवा रहे हैं? जवाब : हमारी मंशा सिर्फ इतनी है कि सर्व समाज एक साथ आए। मोदी-योगी को लोग सपोर्ट करें। सबको एक साथ चलना चाहिए। सवाल : इस बयान पर काफी विवाद हुआ, फिर भी आपने होर्डिंग लगाए? जवाब : विवाद क्या है इसमें, अरे कश्मीर में देखिए पढ़ी-लिखी हिंदू कम्युनिटी कैसे साफ हो गई। इसी तरह लाहौर में देखिए, सिंधी पंजाबी कम्युनिटी अब कहां है। इस बयान का मतलब सिर्फ इतना है कि हमें एकजुटता के साथ रहना है, अपने बच्चों-महिलाओं को अच्छा माहौल देना है।
रामसिया विकास गुप्ता ने कहा- हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। कन्हैया मित्तल ने गाना लॉन्च किया सिर्फ आगरा ही नहीं, महाराष्ट्र में भी इस नारे के होर्डिंग लग चुके हैं। महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा फेमस हो रहा है। BJP कैंप के कन्हैया मित्तल ने एक म्यूजिक वीडियो भी तैयार कर दिया है। इसकी शुरुआत में PM मोदी के संबोधन का है। पीएम कहते हैं- अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। गाने के शुरुआती बोल हैं- जाग जाओ हिंदुओं, सोने का कोई काम नहीं। वो बंदा किस काम का है, जिसके मन में राम नहीं। कन्हैया मित्तल ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले गीत जारी किया है। RSS ने भी बयान का समर्थन किया इससे पहले मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक बैठक के दौरान आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा- हिंदुओं को तोड़ने का काम किया जा रहा है। लोक कल्याण के लिए हिंदू एकता जरूरी है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर योगी ने कहा- बंटेंगे तो कंटेंगे CM योगी आदित्यनाथ ने 22 अगस्त को पहली बार इस नारे का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह नारा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के संदर्भ में दिया। हालांकि, अब चुनावी माहौल में ये नारा BJP को सशक्त बनाता दिख रहा है। इस नारे की पहली परीक्षा यूपी के उप चुनाव से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में होने वाली है। चुनाव परिणाम के बाद यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी को इस नारे का कितना फायदा पहुंचा।
अब समझते हैं कि इस नारे की जरूरत ही क्यों पड़ी… 2024 लोकसभा चुनाव में BJP ने 8% वोटर खो दिए लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में BJP को 8.3% वोट का नुकसान हुआ था। इसके बाद पार्टी को ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारे की जरूरत पड़ी। इसे विपक्ष के सोशल इंजीनियरिंग को हिंदुत्व से काटने का फार्मूला माना जा रहा है। PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP ने गैर यादव OBC, गैर जाटव दलित और सवर्ण जाति के वोटरों को जोड़कर सामाजिक समीकरण बनाया था। इसके दम पर BJP लगातार चार चुनाव जीत चुकी है। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव और साल 2017 और 2022 का यूपी चुनाव। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने BJP के सामाजिक समीकरण को ध्वस्त कर दिया।
OBC के वोटों का बंटवारा हो गया। आगरा BJP अध्यक्ष बोले- संगठन की ऐसी गाइडलाइन नहीं इस पूरे मामले में आगरा BJP अध्यक्ष भानु महाजन ने कहा – ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ स्लोगन के साथ अगर किसी ने भी होर्डिंग लगाया है, तो इससे संगठन का कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा संगठन की ओर से ऐसी कोई गाइड लाइन नहीं आई है। किसी ने होर्डिंग लगाया है तो यह उसकी इच्छा है। BJP को वोटों का हुआ नुकसान समझिए